
-देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जन्म जयंती पर हुआ महासम्मेलन
गुरुग्राम, 25 मई (Udaipur Kiran) । महाराष्ट्र में वर्ष 1725 में जन्मीं मराठा साम्राज्य की प्रसिद्ध महारानी देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जन्म जयंती का एक महासम्मेलन यहां सेक्टर-14 स्थित सामुदायिक भवन में आयोजित किया गया। देवी अहिल्याबाई होल्कर समिति द्वारा आयोजित इस महासम्मेलन में डॉ. गीता भट्ट ने मुख्य वक्ता के रूप में शिरकत की।
डॉ. गीता भट्ट ने कहा कि अहिल्याबाई होल्कर ने 28 वर्ष तक राम राज्य की अवधारणा पर शासन किया आज से 300 साल पहले जब पूरा उपमहाद्वीप युद्धों में त्रस्त था। भारत में गरीबी, अत्याचार न्याय व शासन प्रणाली पर लोगों का विश्वास नहीं था। ऐसे में अहिल्याबाई ने नारी की नेतृत्व क्षमता का अप्रतिम उदाहरण देते हुए रूढिय़ों और अंधविश्वास पर प्रहार किया। किसानों मजदूरों और गरीबों की आर्थिक स्थिति दूर करने में पूरी ताकत लगा दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता सेवानिवृत आईएएस अधिकारी डॉक्टर धीरा खंडेलवाल ने की। उन्होंने माता अहिल्याबाई ने महिलाओं के उत्थान स्त्री शिक्षा और उनके विकास की अवधारणा पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि पुरुषों को महिलाओं के प्रति संवेदनशील एवं सहयोगी प्रवृत्ति का होना चाहिए। स्त्री और पुरुष एक दूसरे के सहयोग से ही भारत को विश्व गुरु के सिंहासन पर आरूढ़ करवाएंगे। डॉ.धीरा ने कहा कि अहिल्याबाई की कृषकों कलाकारों मजदूर बुनकरों के प्रति जो सोच थी वह आज और अधिक प्रासंगिक है। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय कवि संगम के वरिष्ठ कवि डॉ. अशोक बत्रा ने तिरंगे पर आधारित ओजपूर्ण कविता सुनाकर पूरे सभागार को जोश से भर दिया ।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि ओम प्रकाश कथूरिया ने आह्वान किया कि महारानी अहिल्याबाई के व्यक्तित्व और कर्तृत्व की चर्चा हर घर में, हर दुकान में हर स्कूल में होनी चाहिए। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. अशोक दिवाकर ने बताया अहिल्याबाई होल्कर भारतीय संस्कृति की पुर्नस्थापक एवं राम राज्य की प्रतिष्ठापक थी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संघ चालक प्रताप सिंह ने कहा कि अहिल्याबाई कुलीन विनम्र उदार गरीबों की भलाई के लिए समर्पित संवेदनशील समाज सुधारक विदुषी एवं अर्थशास्त्री थी। इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा साधना द्वारा प्रकाशित पुस्तक आपदा प्रबंधन का लोकार्पण भी किया गया। संस्कार भारती की राष्ट्रीय सचिव रेणु पाठक ने इस पुस्तक की अंतर्वस्तु पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर महामंडलेश्वर अतुलानंद सरस्वती सोहना से विशेष तौर पर पहुंचे और साध्वी आत्म चेतन गिरी जी भी विशेष रूप से उपस्थित रही। कार्यक्रम में तीन और चार पीढिय़ों वाले परिवार जो इक_े रह रहे हैं, उनका भी सम्मान किया गया।
(Udaipur Kiran)
