Haryana

पानीपत: शिक्षा केवल रटने और अकादमिक उत्कृष्टता तक सीमित नहीं रहनी चाहिए : बंडारू दत्तात्रेय

पानीपत के समालखा में आयोजित विद्या भारती के प्रांतीय आचार्य सम्मेलन को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय

विद्या भारती शिक्षा के क्षेत्र में भारत का सबसे बड़ा संगठन

पानीपत, 25 मई (Udaipur Kiran) ।हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने रविवार को पानीपत के समालखा में आयोजित विद्या भारती के प्रांतीय आचार्य सम्मेलन को वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया। बतौर मुख्य अतिथि उन्होंने मूल्य आधारित और समावेशी शिक्षा के महत्व पर जोर दिया, जो उद्योग की उभरती जरूरतों और भविष्य की चुनौतियों के अनुरूप हो। उन्होंने शिक्षकों, अकादमिक नेताओं और विद्वानों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा केवल रटने और अकादमिक उत्कृष्टता तक सीमित नहीं रहनी चाहिए।

यह छात्रों में नैतिक मूल्य, आलोचनात्मक सोच और नवाचार की भावना विकसित करे। उन्होंने समावेशी, सुलभ और सामाजिक-आर्थिक विविधता के अनुकूल शिक्षा प्रणाली की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि छात्रों को अकादमिक ज्ञान के साथ-साथ नैतिकता, सामाजिक जिम्मेदारी और वैश्विक कार्यबल की मांगों के अनुरूप कौशल से लैस करना होगा। उन्होंने शिक्षकों से छात्रों का करुणा और ज्ञान के साथ मार्गदर्शन करने का आह्वान किया। दत्तात्रेय ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार की सराहना करते हुए कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में हरियाणा सरकार अनेक पहल कर रही है।

संस्थान द्वारा संचालित लगभग 25000 शिक्षण संस्थानों में एक लाख 50 हजार आचार्यों द्वारा लगभग 32 लाख से अधिक विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान की जा रही है। उन्होंने विद्या भारती के शैक्षिक सुधारों और शिक्षक उत्कृष्टता को प्रोत्साहन देने के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रांतीय आचार्य सम्मेलन जैसे मंच राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जो शैक्षणिक नवाचार और सर्वाेत्तम प्रथाओं पर विचार-विमर्श को बढ़ावा देते हैं। विद्या भारती के उपाध्यक्ष अवनीश भटनागर, एंटी करप्शन ब्यूरो के निदेशक व संस्थान के पूर्व छात्र शक्ति पाठक एवं विद्या भारती के महामंत्री देशराज शर्मा ने भी सम्मेलन में अपने विचार रखें।

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(Udaipur Kiran) / अनिल वर्मा

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