

देवरिया, 24 मई (Udaipur Kiran) । विशेष सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग तथा जनपद के लिए नामित नोडल अधिकारी शिशिर ने आज जनपद के विभिन्न निर्माणाधीन परियोजनाओं का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि सभी कार्य शासन की मंशानुरूप निर्धारित समय सीमा और गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूर्ण किए जाएं।
निरीक्षण के दौरान शिशिर ने बृहद गो-संरक्षण केंद्र पिपरा चंद्रभान, अस्थायी गौ-आश्रय स्थल सोनहुला रामनगर, कान्हा गौशाला गौरीबाजार, बरहज तथा पिपरपाती का भी दौरा किया। उन्होंने इन स्थलों में संरक्षित गोवंशों के लिए गर्मी और लू से बचाव की गई व्यवस्थाओं की जानकारी ली ।उन्होंने कहा कि गोवंशों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। उन्होंने पेयजल और चारे की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहीं । कान्हा गौशाला बरहज में गोबर से तैयार किए जा रहे पेंट के अभिनव प्रयोग की उन्होंने प्रशंसा की और कहा कि गौ-उत्पादों की बाजार में अच्छी मांग हैं । यह प्रयास गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाएगा और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
इसके अतिरिक्त, नोडल अधिकारी ने 7091 लाख रुपए की लागत से बन रही 22 किमी लंबी कंचनपुर-बघौचघाट-पकहा टू-लेन विद पेव्ड शोल्डर सड़क परियोजना का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि इस परियोजना का कार्य 27 जनवरी 2024 को प्रारंभ हुआ था । वर्तमान में 95% कार्य पूर्ण हो चुका है। उन्होंने निर्माण की गुणवत्ता पर संतोष जताया और कहा कि शोल्डर कार्य निर्धारित मानकों के अनुसार ही पूरा किया जाए। शिशिर ने सरयू नदी पर निर्माणाधीन मोहन सेतु का भी निरीक्षण किया। जल जीवन मिशन के अंतर्गत पिपरा चंद्रभान, करौंदी, अहिलवार बुजुर्ग, बेलही, महराजपुर सहित विभिन्न गांवों में निर्मित पानी की टंकियों का भी उन्होंने निरीक्षण किया। बताया गया कि वर्तमान समय में जनपद में कुल 272 ग्रामों में पानी की टंकी बन चुकी है, जिससे नल से जल की आपूर्ति की जा रही है।
नोडल अधिकारी ने कहा कि पाइपलाइन बिछाने के दौरान जिन सड़कों को खोदा गया है, उन्हें हर हाल में पूर्व स्थिति में लाया जाए, अन्यथा संबंधित फर्म के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी। ग्रामीणों से संवाद कर उन्होंने नल से जल आपूर्ति की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि संबंधित आईएसए फर्म ग्रामीणों को पानी की टंकी संचालन संबंधी प्रशिक्षण दें, जिससे वे तकनीकी रूप से सक्षम हो सकें। साथ ही ग्रामीणों को समय पर शुल्क जमा करने के लिए प्रेरित किया जाए, ताकि मरम्मत और रखरखाव का कार्य निर्बाध रूप से चलता रहे और हर परिवार को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो सके। नोडल अधिकारी ने बताया कि जांच पूरी होने के उपरांत रिपोर्ट शासन को प्रेषित की जाएगी। निरीक्षण के दौरान डॉ. अरविंद कुमार वैश्य, अधिशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी अनिल कुमार जाटव, सहायक अभियंता जल निगम सुनील कुमार उपस्थित रहे।
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(Udaipur Kiran) / ज्योति पाठक
