Jammu & Kashmir

ज्येष्ठ अमावस्या के दिन अपनी राशि के अनुसार करें दान

Rohit

जम्मू, 24 मई (Udaipur Kiran) । अमावस्या तिथि माह में एक बार आती है, जिसका स्वामी पितृदेव माने जाते हैं। श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रोहित शास्त्री, ज्योतिषाचार्य ने जानकारी देते हुए बताया कि ज्येष्ठ अमावस्या, ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। इस वर्ष यह तिथि 26 मई, सोमवार को दोपहर 12:12 बजे प्रारंभ होकर 27 मई, मंगलवार को सुबह 8:32 बजे समाप्त होगी। सूर्योदय व्यापिनी अमावस्या तिथि 27 मई को है।

पितरों के निमित्त श्राद्ध, तर्पण आदि 26 मई को दोपहर 12:12 बजे के बाद करें, जबकि स्नान, दान, जप-तप आदि 27 मई को सुबह 8:32 बजे से पहले करना शुभ रहेगा। ज्येष्ठ अमावस्या का व्रत 27 मई मंगलवार को होगा। इस दिन हरिद्वार जैसे तीर्थों तथा पवित्र नदियों में स्नान विशेष पुण्यदायी होता है। यदि तीर्थस्थलों पर स्नान संभव न हो, तो घर पर गंगाजल मिलाकर स्नान करने से भी पुण्य की प्राप्ति होती है। इस अवसर पर ज़रूरतमंदों को यथासंभव दान अवश्य करें।

अमावस्या पर उपवास रखने से पितृगण, ब्रह्मा, इन्द्र, सूर्य, अग्नि, वायु, ऋषि, पशु-पक्षी एवं अन्य जीव तृप्त होते हैं। सूर्योदय के समय स्नान कर सामर्थ्य अनुसार तिल, दूध, तिल की मिठाई आदि का दान दरिद्रता दूर करता है। पीपल वृक्ष के नीचे कच्ची लस्सी, गंगाजल, काले तिल, चीनी, चावल, जल और पुष्प अर्पित करें। ‘ॐ पितृभ्यः नमः’ मंत्र का जाप करें और पितृसूक्त का पाठ करें।

(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा

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