
सिरसा, 24 मई (Udaipur Kiran) । इनेलो के प्रदेश सचिव कश्मीर सिंह करीवाला ने कहा कि भाखड़ा के पानी को लेकर प्रदेश सरकार की नाकामी व पंजाब सरकार की हठधर्मी के चलते इस बार प्रदेश में कई जिलों में कॉटन की बिजाई प्रभावित हुई। कश्मीर सिंह करीवाला शनिवार को सिरसा जिला के रानियां शहर में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में अपने हिस्से के पानी को लेकर लड़ाई बहुत पुरानी है। देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री चौ. देवीलाल ने हरियाणा को उसके हक का पानी दिलाने की लड़ाई लड़ी जिसे इनेलो प्रदेशाध्यक्ष अभय सिंह ने अब तक जारी रखी है। उन्होंने बताया कि चौधरी देवीलाल ने सबसे पहले सतलुज यमुना लिंक नहर बनाने की मांग की। वर्ष 1978 में उन्होंने इसके लिए पंजाब को डेढ़ करोड़ रुपये भी दिए थे। बाद में वर्ष 1984 में पंजाब के हालात बिगड़ गए। इसके बाद राजीव लोंगोवाल समझौता हुआ जिसके तहत तत्कालीन केंद्र सरकार ने हरियाणा के हक का पानी पंजाब को देना चाहा, जिसका चौधरी देवीलाल ने डटकर विरोध किया।
वर्ष 2000 में ओमप्रकाश चौटाला ने मामले की पैरवी की। उस समय उच्चतम न्यायालय ने हरियाणा के हक में फैसला देते हुए एसवाईएल का शीघ्र निर्माण करवाने के आदेश दिए। करीवाला ने कहा कि इनेलो की ओर से पानी की लड़ाई जारी रही लेकिन वर्ष 2004 में इनेलो की सरकार चली गई जिसके बाद 10 वर्ष तक कांग्रेस का सत्ता में रही और 10 वर्ष ही भाजपा ने राज किया लेकिन दोनों सरकारों ने एसवाईएल के पानी को लेकर कोई लड़ाई नहीं लड़ी। उन्होंने बताया कि इनेलो हमेशा किसान, मजदूर व कमेरे वर्गो के हकों की लड़ाई लड़ता रहा है जो कि आज तक जारी है।
—————
(Udaipur Kiran) / Dinesh Chand Sharma
