Uttar Pradesh

अहिल्याबाई होलकर ने समाज में व्याप्त बुराइयों के समाप्त करने की दिशा में काम किया:नितिन अग्रवाल

अहिल्याबाई होलकर ने समाज में व्याप्त बुराइयों के समाप्त करने की दिशा में काम किया:नितिन अग्रवाल
अहिल्याबाई होलकर ने समाज में व्याप्त बुराइयों के समाप्त करने की दिशा में काम किया:नितिन अग्रवाल

अहिल्याबाई होलकर ने समाज में व्याप्त बुराइयों के समाप्त करने की दिशा में काम किया:नितिन अग्रवाल

हरदोई, 24 मई (Udaipur Kiran) । पुण्यश्लोक लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की त्रिशताब्दी स्मृति अभियान कार्यक्रम के अंतर्गत जिला कार्यालय पर अहिल्याबाई के जीवन पर आधारित भव्य प्रदर्शनी का शुभारंभ हुआ। प्रदर्शनी का उद्घाटन आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने किया।

आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने कहा कि अहिल्याबाई होलकर ने समाज में व्याप्त बुराइयों के समाप्त करने की दिशा में काम किया तथा महिला उत्थान की दिशा में कार्य निर्णायक फैसले लिए, जो कि आज के समय में हमारे लिए प्रेरणा है। कहा कि अहिल्याबाई होलकर एक कुशल शासक के साथ–साथ कुशल योद्धा थी, जनता को भगवान मानकर सेवा करने वाली अहिल्या बाई ने गृहस्थ जीवन का भी बेहतर संचालन किया, उनके कर्म को हमें आत्मसात करते हुए कार्य करना चाहिए।

बताया कि बद्रीनाथ, केदारनाथ, काशी विश्वनाथ आदि तमाम धार्मिक स्थलों के पुनरुद्धार एवं मंदिरों के निर्माण में अहिल्याबाई होल्कर का महत्वपूर्ण योगदान रहा। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी उनकी 300वीं जयंती को विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से देश भर में जनसहयोग से मना रही है और जन जन तक उनके कार्यों को भी पहुंचा रही है।

जिलाध्यक्ष अजीत सिंह बब्बन ने कहा कि संसार में कुछ ऐसी विभूतियां भी जन्मी हैं जो अवतारी तो नहीं थीं लेकिन उनका व्यक्तित्व और कृतित्व अवतारी शक्तियों के समतुल्य रहा । इंदौर की महारानी देवि अहिल्याबाई का व्यक्तित्व ऐसा ही था । उन्हें “देवि” किसी दरवारी कवि ने नहीं कहा, अपितु जन सामान्य ने कहकर पुकारा । उनका सादगीपूर्ण जीवन, धर्म, संस्कृति और राष्ट्र के लिये समर्पण जीवन, उनके द्वारा किये गये जन कल्याणकारी कार्य, विशेषकर किसानों और महिलाओं के हित में लिये गये उनके निर्णयों ने उनकी ओर पूरे भारत के शासकों का ध्यान आकर्षित किया । यह उनके व्यक्तित्व की विशेषता ही है कि आज लगभग तीन सौ वर्ष बीत जाने के बाद भी वे जन सामान्य में सम्मान और श्रृद्धा का केन्द्र हैं।

विषम और विपरीत परिस्थतियों को चीरकर न केवल अपने राज्य क्षेत्र में अपितु पूरे भारत में उन्होंने सांस्कृतिक पुनर्जागरण का अभियान चलाया और सनातन मानविन्दुओं को पुनर्प्रतिठित किया, यह असाधारण है। भारत के प्रत्येक भाग और प्रत्येक समाज वर्ग के व्यक्ति के हित को ध्यान में रखकर काम किये । इन कार्यों पर जितना धन उन्होंने व्यय किया उतना किसी रियासत ने नहीं किया फिर भी उनका राजकोष समृद्ध था । उनकी विचारशीलता बहुत व्यापक थी। पूरा भारत राष्ट्र और सनातन विचार उनके चिंतन में समाया थी। वे बहुत दूरदर्शी थीं। भविष्य का भारत कैसे प्रतिष्ठित हो, आने वाली पीढ़ी और समाज कैसे सुसंस्कृत हो और कैसे भारत राष्ट्र का सांस्कृतिक गौरव पुनर्प्रतिठित हो, वे दिन रात इसी चिंतन में डूबी रहतीं थीं । इसकी झलक उनकी कार्यशैली में भी दिखती है। यह प्रदर्शनी उनके जीवन का सार है, भारतवासी जीवनभर उनके ऋणी रहेंगे।

कार्यक्रम संयोजक जिला महामंत्री सत्येंद्र कुमार सिंह राजपूत एवं सह संयोजक आईटी विभाग के सौरभ सिंह गौर थे।

प्रदर्शनी में मुख्य रूप से पूर्व जिला अध्यक्ष श्री कृष्ण शास्त्री, जिला महामंत्री ओम वर्मा, जिला उपाध्यक्ष प्रीतेश दीक्षित, संजय सिंह, जिला मंत्री अविनाश पांडे, नीतू चंद्रा, अजय शुक्ल, जिला मीडिया प्रभारी गांगेश पाठक, सुहाना शरणजीत कौर, बॉबी गुप्ता, आशुतोष आजाद, विश्वदीपक दीक्षित मौजूद रहे।

(Udaipur Kiran) / अंबरीश कुमार सक्सेना

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