Uttar Pradesh

फसल सुरक्षा से लेकर खाद आपूर्ति तक, गोष्ठी में गूंजे किसानों के मुद्दे

फसल सुरक्षा से लेकर खाद आपूर्ति तक, गोष्ठी में गूंजे किसानों के मुद्दे

– गोष्ठी बनी किसानों की आवाज, मीरजापुर से उठी नई सौगात की मांग

– आयुक्त ने उठाई जैविक प्रयोगशाला और खाद आपूर्ति की अहम मांगें

मीरजापुर, 23 मई (Udaipur Kiran) । खरीफ अभियान-2025 की तैयारियों को धार देने और किसानों की समस्याओं के समाधान के उद्देश्य से वाराणसी में खरीफ उत्पादकता गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मीरजापुर मंडल के आयुक्त बालकृष्ण त्रिपाठी ने गोष्ठी में भाग लेते हुए खेती-किसानी से जुड़े अहम मुद्दों को प्रमुखता से उठाया। जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन भी वर्चुअल माध्यम से जुड़ते हुए मीरजापुर जनपद की आवश्यकताओं की विस्तार से जानकारी दी।

आयुक्त त्रिपाठी ने स्पष्ट किया कि जैविक खेती को बढ़ावा देने के बावजूद विन्ध्याचल मंडल में जैविक प्रमाणिकता के लिए कोई प्रयोगशाला न होना, किसानों के लिए एक बड़ी बाधा है। उन्होंने मंडल में जैविक परीक्षण प्रयोगशाला की तत्काल स्थापना की मांग रखी। साथ ही खाद आपूर्ति की जमीनी चुनौतियों को भी बेबाकी से सामने रखा। उन्होंने बताया कि अभी मीरजापुर में ही एकमात्र उर्वरक रैक प्वाइंट है, जबकि सोनभद्र और भदोही में स्वीकृति के बावजूद आपूर्ति शुरू नहीं हो सकी है, जिससे किसानों को लंबी दूरी तय कर खाद लानी पड़ रही है।

गोष्ठी में उन्होंने किसानों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए 50 प्रतिशत अनुदान पर सोलर फेंसिंग उपलब्ध कराने की जरूरत बताई, ताकि फसलों को सुरक्षित रखा जा सके। इसके साथ ही उन्होंने कृषि भंडारों और रक्षा इकाइयों को विद्युत कनेक्शन से जोड़ने और भदोही में 5000 मीट्रिक टन क्षमता वाले अतिरिक्त गोदाम की मांग भी की।

इस दौरान मंडल में औद्यानिक फसलों के भंडारण और खाद्य प्रसंस्करण यूनिट की स्थापना का मुद्दा भी प्रमुखता से उठा। श्री त्रिपाठी ने कहा कि इससे किसानों को बेहतर मूल्य मिलेगा और क्षेत्रीय कृषि को नया आयाम मिलेगा।

जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने मीरजापुर में केवल एक कृषि विज्ञान केंद्र होने की बात पर चिंता जताई और एक अतिरिक्त केंद्र की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही उन्होंने बुंदेलखंड की तर्ज पर मीरजापुर में भी 80 प्रतिशत बीज अनुदान लागू करने की वकालत की।

(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा

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