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राजस्थान : अंता क्षेत्र के विधायक कंवरलाल की विधान सभा सदस्यता रद्द

जयपुर, 23 मई (Udaipur Kiran) । राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने अंता विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के विधायक कंवरलाल की विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी है। यह कार्रवाई करीब 20 साल पुराने एक मामले में उनकी दोषसिद्धि होने और इस महीने की शुरुआत में उनके आत्मसमर्पण के बाद हुई है।

विधानसभा अध्य‍क्ष वासुदेव देवनानी ने बताया कि शुक्रवार प्रात: महाधिवक्ता की विधिक राय प्राप्त होते ही कंवरलाल की सदस्यता समाप्त कर दी गई है। देवनानी ने बताया कि विधायक कंवरलाल दोषसिद्धी की तिथि से भारतीय संविधान के अनुच्छेद 191(1)(ई) सहपठित लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8 (3) के अन्तर्गत निर्हित हो गए हैं। देवनानी ने कहा कि वे किसी भी प्रकार के दबाव में कार्य नहीं करते है। उन्‍होंने कहा कि वे किसी भी मामले में उससे सम्‍बंधित प्रत्‍येक पहलू का गहन अध्‍ययन करके ही विधि सम्‍मत और न्‍याय सम्‍मत ही निर्णय लेते है। इससे पहले भी विधानसभा से संबंधित अनेक विषयों पर विधान सभा के तत्‍कालीन अध्‍यक्षों ने बहुत अधिक समय लिया है। उन्‍होंने कहा कि इस मामले में किसी भी प्रकार की राजनीति नहीं की जानी चाहिए।

देवनानी ने बताया कि विधायक कंवरलाल के संबंध में न्यायालय के फैसले के दिन ही राज्य के महाधिवक्ता को विधिक राय दिये जाने के लिये निर्दिष्ट कर दिया था। ऐसे मामलों में दोष सिद्धी की तिथि से ही विधान सभा सदस्य की सदस्यता समाप्त हो जाती है। इसके बाउ विधान सभा क्षेत्र के रिक्ति होने की अधिसूचना जारी की जाती है। देवनानी ने बताया कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 177 में राज्य के महाधिवक्ता को विधानसभा के सदन में कार्रवाई में भाग लेने और राय देने का अधिकार होता है।

विधान सभा अध्य‍क्ष देवनानी के इस फैसले से राजस्थान विधान सभा के अंता निर्वाचन क्षेत्र रिक्त हो गया है। हालांकि अंता सीट पर उपचुनाव होंगे या नहीं, यह सुप्रीम काेर्ट में कंवरलाल की रिव्यू पिटीशन पर फैसले के बाद तय होगा।

उल्लेखनीय है कि कंवरलाल को एसडीएम पर पिस्तौल तानने के मामले में कोर्ट ने तीन साल की सजा सुनाई थी। इस मामले में उन्हें पहले हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट से भी कोई राहत नहीं मिली। कांग्रेस लंबे समय से मीणा की सदस्यता रद्द करने की मांग कर रही थी। बाद में कंवरलाल ने सुप्रीम कोर्ट में सजा स्थगित करने की याचिका लगाई थी, जो खारिज हो गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने दो सप्ताह में सरेंडर करने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद 21 मई को कंवरलाल ने अकलेरा कोर्ट में सरेंडर कर दिया, जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया। कंवरलाल अभी जेल में हैं।

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(Udaipur Kiran) / संदीप

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