
जालौन, 23 मई (Udaipur Kiran) । स्पेशल एससी-एसटी कोर्ट ने अपहरण और दुष्कर्म के नाै साल पुराने मामले में दाेषी दीपक पाठक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उस पर 50 हजार रुपये का अर्थ दंड लगाया है, जो पीड़िता को मुआवजे के तौर पर दिया जाएगा। दाेषी ने छात्रा को अगवा कर उसके साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया था।
यह मामला वर्ष 2016 में उरई कोतवाली क्षेत्र का है, जहां पर 18 वर्षीय छात्रा जब कोचिंग सेंटर जा रही थी। तभी तीन युवकों ने उसे जबरन अगवा कर लिया। छात्रा की मां ने उसी दिन उरई कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें विवेक गुप्ता सहित तीन लोगों को नामजद किया गया था।
पुलिस की जांच में नया मोड़ तब आया जब छात्रा को बरामद कर न्यायालय में उसका बयान दर्ज कराया गया। 164 के बयान में छात्रा ने दीपक पाठक निवासी ग्राम खकसीस, थाना रेंडर को मुख्य आरोपी बताया। छात्रा ने बताया कि उसे एक महीने तक बंधक बनाकर कई बार दुष्कर्म किया गया। मेडिकल जांच और आरोप पत्र के बाद कोर्ट में केस चला। शासकीय अधिवक्ता लखन लाल निरंजन और बृजराज राजपूत ने केस की प्रभावी पैरवी की।
पीड़िता व उसकी मां के बयान कोर्ट में दर्ज कराए गए। मजबूत साक्ष्यों और गवाही के आधार पर विशेष न्यायाधीश डॉ. अवनीश कुमार द्वितीय ने 22 मई को फैसला सुरक्षित कर लिया। शुक्रवार 23 मई की सुबह काेर्ट ने दाेषी दीपक पाठक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
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(Udaipur Kiran) / विशाल कुमार वर्मा
