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अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड ल्यूटनिक से मिले गोयल, व्यापार समझौते पर की चर्चा

अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड ल्यूटनिक के साथ मुलाकात करते पीयूष गोयल
अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड ल्यूटनिक के साथ मुलाकात करते पीयूष गोयल

नई दिल्ली, 23 मई (Udaipur Kiran) । केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को वाशिंगटन में अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड ल्यूटनिक के साथ अपनी दूसरी बैठक की। इस दौरान दोनों देशों के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर चर्चा की गई। इससे पहले 20 मई को गोयल ने व्यापार समझौते के पहले चरण पर बातचीत में तेजी लाने के लिए सचिव हॉवर्ड लुटनिक के साथ बैठक की थी।

पीयूष गोयल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौते के लिए सचिव हॉवर्ड ल्यूटनिक के साथ रचनात्मक बैठक हुई। हम हमारे व्यवसायों और लोगों के लिए अवसरों को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह बैठक इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि दोनों देश 8 जुलाई तक अंतरिम व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने पर विचार कर रहे हैं। मुख्य वार्ताकारों के बीच चार दिवसीय चर्चा भी 22 मई को वाशिंगटन में समाप्‍त हो गई।

अंतरिम व्यापार समझौते में नई दिल्ली भारतीय वस्तुओं पर 26 फीसदी पारस्परिक टैरिफ से पूर्ण छूट के लिए दबाव बना रही है। दरअसल अमेरिका ने 2 अप्रैल को भारतीय वस्तुओं पर अतिरिक्त 26 फीसदी पारस्परिक टैरिफ लगाया था, लेकिन इसे 9 जुलाई तक 90 दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया है। हालांकि, अमेरिका का लगाया गया 10 फीसदी का बेसलाइन टैरिफ अभी भी लागू है।

अमेरिका के 26 फीसदी अतिरिक्त आयात शुल्क के 90 दिवसीय निलंबन के कारण भारतीय निर्यातक फ‍िलहाल सिर्फ 10 फीसदी आधारभूत टैरिफ का भुगतान कर रहे हैं, जबकि पहले यह 26 फीसदी प्रस्तावित था। वर्तमान में ट्रंप प्रशासन को टैरिफ को सबसे पसंदीदा राष्ट्र (एमएफएन) दरों से नीचे लाने के लिए अमेरिकी कांग्रेस से मंजूरी की आवश्यकता होती है, लेकिन प्रशासन के पास भारत सहित कई देशों पर लगाए गए पारस्परिक टैरिफ को हटाने का अधिकार है।

भारत प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) के पहले चरण में अपने श्रम-प्रधान क्षेत्र के लिए शुल्क रियायतों पर अमेरिका से कुछ प्रतिबद्धताओं की उम्मीद कर सकता है। दोनों देशों ने इस साल की शरद ऋतु (सितंबर-अक्टूबर) तक समझौते के पहले चरण को पूरा करने की समय-सीमा तय की है, ताकि वर्ष 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना से अधिक बढ़ाकर 500 अरब डॉलर किया जा सके।

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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर

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