वॉशिंगटन/कैम्ब्रिज, 22 मई (Udaipur Kiran) । अमेरिका के होमलैंड सिक्योरिटी विभाग (डीएचएस) ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विजिटर प्रोग्राम (एसईवीपी) सर्टिफिकेशन को रद्द कर दिया है, जिससे विश्वविद्यालय में पढ़ रहे विदेशी छात्रों को या तो दूसरे संस्थान में स्थानांतरित होना पड़ेगा या फिर उन्हें अमेरिका छोड़ना होगा। डीएचएस के इस कदम को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने प्रतिशोधात्मक और गैरकानूनी कार्रवाई बताया है।
डीएचएस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह कदम ट्रंप प्रशासन की उस नीति का हिस्सा है, जिसमें हार्वर्ड को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) से मिलीभगत, हिंसा को बढ़ावा देने, यहूदी विरोध और आतंक समर्थक गतिविधियों को समर्थन देने के आरोप में जिम्मेदार ठहराया गया है।
डीएचएस के अनुसार, 16 अप्रैल 2025 को सचिव क्रिस्टी नोएम ने हार्वर्ड से विदेशी छात्रों के कथित आपराधिक रिकॉर्ड और अनुशासनहीनता पर जानकारी मांगी थी। जब विश्वविद्यालय ने यह जानकारी देने से इनकार किया, तो डीएचएस ने एसईवीपी सर्टिफिकेशन रद्द करने का निर्णय लिया।
इसके पहले अप्रैल में ही डीएचएस ने हार्वर्ड को दिए गए 2.7 मिलियन डॉलर (लगभग 22.5 करोड़ रुपये) के अनुदान को भी रद्द कर दिया था।
वहीं, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने डीएचएस की इस कार्रवाई पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए इसे “गैरकानूनी और प्रतिशोधात्मक” करार दिया है। हार्वर्ड ने अपने बयान में कहा, “हार्वर्ड 140 से अधिक देशों से आने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों और विद्वानों की मेजबानी जारी रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। यह कदम विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा, छात्रों के भविष्य और शैक्षणिक स्वतंत्रता पर गंभीर असर डाल सकता है।”
हार्वर्ड का कहना है कि यह कार्रवाई अमेरिकी कानून और शैक्षणिक स्वायत्तता के विरुद्ध है और इसे अदालत में चुनौती दी जा सकती है।
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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय
