संयुक्त राष्ट्र, 22 मई (Udaipur Kiran) । यूनिसेफ ने चेतावनी दी है कि गाजा में इस वर्ष अब तक 9,000 से अधिक बच्चों का कुपोषण के कारण इलाज किया जा चुका है, और अगर हालात नहीं सुधरे, तो आने वाले महीनों में दसियों हजार नए मामले सामने आ सकते हैं। यूनिसेफ का कहना है कि क्षेत्र में युद्ध और हिंसा के कारण खराब स्वास्थ्य सेवा और खाद्य असुरक्षा की वजह से बच्चे और भी अधिक संकट में हैं।
खाद्य सुरक्षा विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि अगर इजराइल अपना सैन्य अभियान जारी रखता है और गाजा पर लगा प्रतिबंध पूरी तरह नहीं हटाता है तो क्षेत्र गंभीर अकाल की स्थिति में प्रवेश कर सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्स्यूएचओ) पहले ही कह चुका है कि लोग भूख से मरने की कगार पर नहीं, बल्कि वास्तव में मर रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) के फिलिस्तीनी क्षेत्रों के प्रतिनिधि नेस्टर ओवोमुहांगी के अनुसार, जहां भी देखो, लोग भूखे हैं… वे अपनी उंगलियों से मुंह की ओर इशारा करते हैं, यह जताने के लिए कि उन्हें खाने के लिए कुछ चाहिए। गाजा में ‘सबसे बुरा’ पहले ही शुरू हो चुका है।
यूनिसेफ की प्रवक्ता टेस इंग्राम ने कहा है कि “कई बच्चे पहले ही कुपोषण के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं। गाजा में इस समय ऐसे कई नवजात हैं जो गंभीर खतरे में हैं। अगर उन्हें शीघ्र पोषण सहायता नहीं मिली, तो उनके लिए हालात और भी घातक हो सकते हैं।”
यूनिसेफ और अन्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने तत्काल मानवीय सहायता पहुंचाने, खाद्य आपूर्ति सुनिश्चित करने और बच्चों के लिए विशेष पोषण कार्यक्रम शुरू करने की मांग की है। संगठनों का कहना है कि यह केवल एक स्वास्थ्य संकट नहीं, बल्कि मानवता की परीक्षा का समय है।
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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय
