
नैनीताल, 22 मई (Udaipur Kiran) । नैनीताल में नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म करने के आरोपित मो. उस्मान के पुत्र मो. रिजवान खान को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने अपर सहायक अभियंता मो. रिजवान के स्थानान्तरण आदेश में की गई विभागीय टिप्पणियों को हटाने के निर्देश दिए हैं।
वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी एवं न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार याचिकाकर्ता मो. रिजवान पीडब्ल्यूडी उत्तराखंड में अपर सहायक अभियंता हैं । याचिकाकर्ता ने अपने स्थानांतरण आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी जिसके तहत उन्हें प्रशासनिक आधार पर पीडब्ल्यूडी निर्माण प्रभाग खटीमा से अस्थाई प्रभाग पीडब्ल्यूडी घनसाली में स्थानांतरित किया गया था। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि स्थानांतरण आदेश उत्तराखंड स्थानांतरण अधिनियम 2017 की धारा 18 (4) का उल्लंघन है। याचिका में कहा कि एक सरकारी कर्मचारी के रूप में उन्हें स्थानांतरण से कोई समस्या नहीं है लेकिन प्रशासनिक आधार पर स्थानांतरण जिसमें कार्य में शिथिलता और वरिष्ठों के आदेशों का पालन न करने का उल्लेख है। स्थानांतरण आदेश में गलत तरीके से उल्लेख किया गया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता के खिलाफ विभाग द्वारा की गई सभी प्रतिकूल टिप्पणियों को हटाने का आदेश पारित किया है।
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(Udaipur Kiran) / लता
