Uttar Pradesh

जैव विविधता का संरक्षण आवश्यक : डा. अरूण सक्सेना

जैव विविधता संगोष्ठी में मुख्यमंत्री के साथ वन मंत्री डा. अरूण सक्सेना

जैव विविधता हमारी सांस्कृतिक जड़ों को आधार प्रदान करता है

लखनऊ,22 मई (Udaipur Kiran) । अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के अवसर पर ‘‘प्रकृति तथा सतत् विकास के साथ सामंजस्य’’ विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन गुरूवार को मार्स ऑडिटोरियम, इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व अन्य मंचासीन अतिथियों ने पर्यावरण संरक्षण पर केंद्रित ‘ग्रीन बजट’ पुस्तक का विमोचन किया।

इस अवसर पर राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन एवं जन्तु उद्यान डॉक्टर अरूण कुमार सक्सेना ने कहा कि जैव विविधता का संरक्षण आवश्यक है। धरती पर जीवन के समस्त रूपों को बनाए व बचाए रखने, वनस्पति व पशु पक्षियों की नस्लों में सुधार, स्थानीय समुदाय की औषधि, भोजन, वस्त्र व आजीविका सहित दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए जैव विविधता का संरक्षण आवश्यक है।

डा. अरूण सक्सेना ने कहा कि जैव विविधता हमारे जीवन का अभिन्न अंग है। जैव विविधता की सराहना के लिए हमें दैनिक जीवन के आस-पास उपलब्ध पेड़-पौधे, वन्यजीव, सूक्ष्म जीव तथा पर्यावरण को इस दृष्टिकोण से देखना होगा कि इनके बिना जीवन की परिकल्पना संभव नहीं है। एक ओर जैव विविधता हमारे जीवन की आवश्यकताओं जैसे खाद्य पदार्थ, प्रकाष्ठ, शुद्ध वायु, मृदा आदि की पूर्ति करता है, वहीं दूसरी ओर जैवविविधता हमें रोगों और प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा प्रदान करता है।

वन राज्य मंत्री के.पी.मलिक ने कहा कि जैव विविधता संरक्षण के लिए व्यापक जन सहभागिता का संदेश प्रसारित करने के लिए प्रत्येक वर्ष 22 मई, अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि जैव विविधता पृथ्वी को मानव के लिए रहने योग्य बनाता है।

प्राकृतिक आपदाओं व बीमारियों से हमारी रक्षा करता है। इसके अलावा हमारी सांस्कृतिक जड़ों को आधार प्रदान करता है।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड अनिल कुमार, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं विभागाध्यक्ष, सुनील चौधरी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्यजीव अनुराधा वेमुरी, सदस्य, उत्तर प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड, वरिष्ठ वनाधिकारी, विभिन्न लाइन डिपार्टमेण्ट्स- कृषि, मत्स्य, उद्यान, पशुपालन, वन एवं वन्यजीव विभाग, पर्यावरण एवं पंचायती राज के अधिकारी, अनुसंधान संस्थान, विश्वविद्यालयों एवं जैव विविधता संरक्षण क्षेत्र में कार्यरत गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि​यों ने सहभाग किया।—————-

(Udaipur Kiran) / बृजनंदन

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