
धमतरी, 21 मई (Udaipur Kiran) । नगर पंचायत नगरी के वार्ड क्रमांक 15 में एक नौ साल की बच्ची 20 मई को खेलते-खेलते कुएं में गिर गई थी। जिसे मेहमान बनकर आई किरण पटेल ने अपनी सूझबूझ और बहादुरी का परिचय देते हुए बिना देरी किए कुएं में उतरकर हर्षिता पटेल की जान बचाई। हर्षिता का उपचार जिला अस्पताल के शिशु रोग विभाग में जारी है। आज बुधवार सुबह बच्ची काे होश आ गया है, लेकिन वह कुछ भी बोलने की हालत में नहीं है।
मंगलवार दोपहर दो से ढाई बजे के बीच नगरी निवासी दीनबंधु पटेल की नौ साल की बेटी हर्षिता पटेल खेलते-खेलते कुएं में गिर गई। इसकी आवाज सुनकर स्वजन कुएं के पास गए। इनके घर में महासमुंद के ग्राम चिंगरौद की किरण पटेल (25 साल) मेहमान बनकर आई थी। इन्होंने बिना देरी किए कुएं में लगे मोटर पंप के पाइप के सहारे नीचे उतर कर मिट्टी के गाद में फंसी हर्षिता को पैर के द्वारा वहां से खींचकर सुरक्षित बाहर निकाला। घटना की सूचना मिलते ही आसपास के लोग एकत्रित हुए और खाट (चारपाई) को रस्सी से बांधकर कुएं में उतारा गया। हर्षिता और किरण को खाट में बैठे और रस्सी से खींचकर कुएं से बाहर निकाला गया। मां यामिनी पटेल ने बताया कि, बेटी हर्षिता अपने भाई दिव्यांशु के साथ घर में खेल रहे थे। इस दौरान घर के कुएं में गिरने की आवाज आई। तुरंत दौड़कर गए, तब दिव्यांशु ने बताया कि हर्षिता कुएं में गिर गई है। घर में मेहमान आई किरण ने प्लास्टिक पाइप के द्वारा कुएं में उतरकर हर्षिता को डूबने से बचाई। फिर आसपास की लोगों की मदद से दोनों को बाहर निकाला गया। कुएं से बाहर निकालने के बाद हर्षिता बेहोश थी, जिसे उपचार के लिए तत्काल सिविल अस्पताल नगरी ले गए। जहां प्राथमिक उपचार के बाद गंभीर हालत में जिला अस्पताल लाएं।
जिला अस्पताल लाते ही हर्षिता का उपचार शुरू हुआ। बुधवार सुबह तक होश आया। अभी वह डरी हुई है। इसलिए ज्यादा बात नहीं कर पा रही है। स्वास्थ्य में सुधार आ रहा है। इन्होंने बताया कि किरण नहीं होती, तो इनकी बेटी नहीं बच पाती। क्योंकि कुएं की गहराई ज्यादा थी। किरण पटेल ने अपनी जान की परवाह किए बगैर हर्षिता की जान बचाने कुएं में उतर गई। बहादुरी से मिट्टी में फंसी हर्षिता को बाहर निकाला। किरण पटेल ने बताया कि उनको जैसे ही हर्षिता की कुएं में गिरने की सूचना मिले। तुरंत पाइप के सहारे नीचे उतर गई। तैरना आता है। जब कुएं के अंदर पहुंची तो गले तक पानी था। हर्षिता नीचे मिट्टी तक पहुंच गई थी। जिसे पैर के द्वारा ऊपर उठाया। दोनों का पाइप के द्वारा बाहर आना संभव नहीं था। कुएं के पास एकत्रित लोगों ने रस्सी से खाट को बांधकर नीचे उतारा। जिसमें दोनों बैठे और खाट को ऊपर खींचा गया। मुझे खुशी है कि हर्षिता की जान बच गई।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा
