Jammu & Kashmir

गुरु रविदास जी को बताया जीवन समता, भाईचारे का प्रतीक

गुरु रविदास जी को बताया जीवन समता, भाईचारे का प्रतीक

जम्मू, 21 मई (Udaipur Kiran) । गुरु रविदास विश्व महापीठ के राष्ट्रीय महासचिव, ब्रिटिश रविदासिया हेरिटेज फाउंडेशन (भारतीय शाखा) के महासचिव और बेगमपुरा विश्व महासभा के सदस्य बलबीर राम रतन ने कहा कि महान संत, समाज सुधारक और आध्यात्मिक गुरु, श्री गुरु रविदास जी का जीवन समता, स्वतंत्रता और भाईचारे का प्रतीक रहा है। उन्होंने सामाजिक भेदभाव, जातिवाद और ऊंच-नीच जैसी कुरीतियों के विरुद्ध आवाज़ उठाई और एक ऐसे समतामूलक समाज की परिकल्पना की जहाँ सबको समान अधिकार, अवसर और सम्मान प्राप्त हो।

सेवानिवृत्त कार्यपालक अभियंता तथा भाजपा स्वच्छ भारत अभियान के को-इंचार्ज टी.के. शर्मा के साथ गुरु रविदास जी के ‘बेगमपुरा राज्य’ की संकल्पना पर चर्चा करते हुए बलबीर राम रतन ने कहा कि गुरु जी ने एक ऐसे आदर्श समाज का सपना देखा जहाँ किसी को भूखा न सोना पड़े, जहाँ कोई छोटा-बड़ा न हो, और जहाँ हर व्यक्ति को उसकी मेहनत का पूरा फल मिले।

उन्होंने गुरु जी के प्रसिद्ध भजन “ऐसा चाहूँ राज मैं जहाँ मिलै सबन को अन्न…” का हवाला देते हुए कहा कि इन पंक्तियों में एक ऐसे लोककल्याणकारी राज्य की स्पष्ट छवि मिलती है जिसमें कोई ग़रीब, उपेक्षित या पराया नहीं होता। गुरु जी के विचार आज भी हमारे लिए प्रेरणा का स्त्रोत हैं और हमें यह सोचने के लिए विवश करते हैं कि क्या हम वास्तव में ऐसा समाज बना पाए हैं, जहाँ हर व्यक्ति को न्याय, समानता और सम्मान मिल सके।

बलबीर राम रतन ने कहा कि आज आवश्यकता है कि हम गुरु रविदास जी की शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारें और जाति, धर्म, वर्ग जैसे सभी भेदभावों को समाप्त कर एक ऐसे भारत की स्थापना करें, जो सच्चे अर्थों में ‘बेगमपुरा’ बने—एक ऐसा समाज जहाँ दुख, भेदभाव और अन्याय के लिए कोई स्थान न हो।

(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा

Most Popular

To Top