Jammu & Kashmir

जम्मू में पाक विरोधी रैली, पीओके, गिलगित-बाल्टिस्तान की मुक्ति की मांग की

जम्मू में पाक विरोधी रैली, पीओके, गिलगित-बाल्टिस्तान की मुक्ति की मांग की

जम्मू, 21 मई (Udaipur Kiran) । मिशन स्टेटहुड के अध्यक्ष सुनील डिम्पल ने जम्मू में रेहाडी चुंगी बीसी रोड पर एक विशाल पाकिस्तान विरोधी रैली का नेतृत्व किया। यह विरोध प्रदर्शन पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके), गिलगित और बाल्टिस्तान को भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य में एकीकृत करने और मुक्त करने के लिए दबाव बनाने के लिए किया गया था। प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान के खिलाफ जोरदार नारे लगाए और आतंकवादियों हाफिज सईद और अजहर मसूद को तुरंत भारत को सौंपने की मांग की।

रैली ने भारतीय सुरक्षा बलों के चल रहे ऑपरेशन सिंदूर को भी पूर्ण समर्थन दिया जिसका उद्देश्य पीओके और गिलगित-बाल्टिस्तान को मुक्त कराना है। प्रदर्शनकारियों ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत संघर्ष से प्रभावित परिवारों को तत्काल नकद राहत वितरित करने की मांग की। विरोध प्रदर्शन में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तीखी आलोचना की गई जिन्होंने पहलगाम बदला अभियान को पूरा किए बिना ही युद्ध विराम की घोषणा कर दी। डिंपल ने पाकिस्तान के युद्ध प्रयासों को कथित रूप से वित्तपोषित करने के लिए तुर्की की भी निंदा की।

सभा को संबोधित करते हुए सुनील डिंपल ने पाकिस्तान को अपने आतंकी उद्योग को बंद करने और वैश्विक रूप से वांछित आतंकवादियों हाफिज सईद और अजहर मसूद को भारत को सौंपने की सख्त चेतावनी दी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अवैध पाकिस्तानी कब्जे वाले सभी क्षेत्रों के एकीकरण और मुक्ति के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की। डिंपल ने युद्ध विराम के विचार को खारिज करते हुए जोर दिया कि जब तक पीओके भारत का हिस्सा नहीं बन जाता और सिंधु जल संधि स्थायी रूप से समाप्त नहीं हो जाती तब तक कोई शांति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों पर पाकिस्तान में अभी भी खुलेआम काम करने का आरोप लगाया।

घरेलू राजनीति पर निशाना साधते हुए डिंपल ने आरोप लगाया कि कई राजनीतिक दल भारतीय सुरक्षा बलों के बलिदान और ऑपरेशन सिंदूर की गंभीरता पर राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने हाल ही में विदेश भेजे गए संसदीय प्रतिनिधिमंडल की आलोचना करते हुए कहा कि यह करदाताओं के पैसे की पूरी बर्बादी है और जब पूरी दुनिया जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने में पाकिस्तान की भूमिका को पहले से ही जानती है तो यह अप्रासंगिक है। डिंपल ने शहीदों, घर खोने वालों और बमबारी और गोलाबारी से प्रभावित अन्य लोगों के परिवारों के लिए तत्काल मुआवजा और नकद राहत की मांग की। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के सभी 90 विधायकों और पांच सांसदों से ऑपरेशन सिंदूर राहत कोष में अपने छह महीने का वेतन दान करने की सार्वजनिक अपील की और सरकारी कर्मचारियों और नौकरशाहों से युद्ध प्रभावित आबादी की सहायता के लिए एक महीने का वेतन देने का आग्रह किया।

(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा

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