मंडी, 21 मई (Udaipur Kiran) । मंडी कुल्लू मार्ग पर मंडी से चार किलोमीटर दूर बिंदरावणी स्थित हिमाचल दर्शन फोटो गैलरी का बजूद 28 साल एक महीने के बाद 24 मई शनिवार को मिट जाएगा। इसके बाद अब शायद ही दर्शकों को एक छत के नीचे समूचे हिमाचल प्रदेश के दर्शन हो पाएंगे। इस बारे में जानकारी देते हुए संस्थापक एवं छायाकार बीरबल शर्मा ने कहा कि इस संग्रहालय को बचाने के लिए उनके सभी प्रयास असफल रहे हैं। फोरलेन के लिए लगातार दूसरी बार इस फोटो गैलरी को उजाड़ा गया है। भवन को तोड़ने के लिए लगातार बनाए जा रहे दबाव को देखते हुए अब इसे और ज्यादा दिन तक बचाए रखना संभव नहीं है। इसके विशाल संग्रह को किसी उचित स्थान पर रखने की व्यवस्था की जा रही है। सरकार व जिला प्रशासन समेत सभी संबंध विभागों से लिखित तौर पर इस संग्रह को किसी उचित स्थान पर स्थापित करने का आग्रह किया जा चुका है। इसे निशुल्क देने की पेशकश भी लिखित तौर पर की जा चुकी है मगर अभी तक कोई भी सकारात्मक नतीजा सामने नहीं आया है।
बीरबल शर्मा के अनुसार यदि प्रशासन, नगर निगम मंडी व प्रदेश सरकार ने सहयोग किया तो वह इसे फिर से किसी उचित स्थान पर स्थापित कर देंगे। इसके लिए बल्ह घाटी के मलोरी बैहना में प्रयास तो किए जा रहे हैं मगर अभी इस दिशा में बहुत लंबा औपचारिकताओं भरा सफर व पेचीदी व्यवस्थाओं का उलझा हुआ ताना बाना नजर आ रहा है। उनके अनुसार 28 सालों में इस संग्रहालय में देश विदेश से 6 लाख से अधिक दर्शक आ चुके हैं तथा प्रदेश में पर्यटन को बढ़ाने, विद्यार्थियों को एक ही जगह पर पूरे प्रदेश की जानकारी उपलब्ध करवाने, शोधार्थियों के लिए पूरी सामग्री यहां पर होने समेत कई उल्लेखनीय उपलब्धियां इसके नाम दर्ज हैं जो अब एक बीते दिनों की बात होने जा रही है।
इस गैलरी का न बचा पाने के लिए क्षमा याचना करते हुए बीरबल शर्मा ने कहा कि हालांकि इसके मिट जाने को लेकर उनका कोई दोष नहीं है मगर फिर भी उनके बहुमूल्य संग्रह का जो लाभ आने वाली पीढ़ी को मिल सकता था उसे वह न दे पाने का गम उन्हें हमेशा रहेगा।
गौरतलब है कि पिछले तीन सालों में 400 से अधिक पाठशालाओं के बच्चों ने इस फोटो गैलरी का भ्रमण करके पूरे हिमाचल को एक ही छत के नीचे कुछ पलों में देखा व जाना है व इसे अभूतपूर्व बताया है। भगवान ऐसे लोगों को सद्बुद्धि दे जो प्रदेश की संस्कृति को संरक्षण करने के काम में लगे लोगों को इस तरह से निरूत्साहित करने में लगे हैं।
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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा
