Assam

इतिहास में अमर रहेगा यह अभियान: राज्यपाल

असम पर्वतारोहण संघ के सदस्यों की ऐतिहासिक उपलब्धि को सम्मानित करते हुए असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य।

गुवाहाटी, 21 मई (Udaipur Kiran) । असम पर्वतारोहण संघ के सदस्यों की ऐतिहासिक उपलब्धि को सम्मानित करते हुए असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने बुधवार को राजभवन में आयोजित एक समारोह में उन्हें सम्मानित किया। यह दल लद्दाख की क्यागर-ला पर्वत श्रृंखला की 6,369 मीटर ऊंची एक अजेय चोटी पर सफलतापूर्वक चढ़ाई करने वाला पहला दल बना है।

राज्यपाल ने इस दल के साहस और दृढ़ता की सराहना करते हुए कहा, “यह अभियान न केवल तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण था, बल्कि मानसिक और शारीरिक सहनशक्ति की भी कठोर परीक्षा थी। क्यागर-ला ट्रेकिंग रूट को पार कर और उसकी वर्जिन चोटी को फतह कर आपने साबित किया है कि असम का युवा भूगोल की सीमाओं से परे जाकर किसी भी चुनौती को स्वीकार करने में सक्षम है।”

राज्यपाल आचार्य ने पर्वतारोहियों से कहा, “आप केवल शिखर तक नहीं पहुंचे, बल्कि इतिहास से जुड़ते हुए परंपरा का सम्मान किया है और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा दी है। आपका यह वीरतापूर्ण प्रयास निडर महत्वाकांक्षा और विरासत के प्रति गौरव का प्रतीक है। यह उपलब्धि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्तंभ बनेगी।”

असम पर्वतारोहण संघ का यह अभियान ‘ट्रिपल पीक एक्सपीडिशन’ का हिस्सा था, जिसकी सफलता 21 अप्रैल को मिली। इस टीम का नेतृत्व पर्वतारोही शेखर बरदलै और जयंत नाथ ने किया, जो सबसे पहले शिखर पर पहुंचे। उनके बाद सूरजित रोंगहांग, भास्कर बर्मन, उपेन चक्रवर्ती और हेनरी डेविड तेरोन भी शिखर पर पहुंचे।

इस गौरवपूर्ण उपलब्धि को चिह्नित करते हुए संघ ने इस नयी चोटी का नामकरण ‘लाचित कांगरी’ किया है, जो वीर अहोम सेनापति लाचित बरफूकन को समर्पित है। राज्यपाल ने इस पहल को असम की सांस्कृतिक विरासत के प्रति सम्मान का प्रतीक बताया।

(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश

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