
धमतरी, 21 मई (Udaipur Kiran) । भारतीय किसान संघ धमतरी जिले का एक दिवसीय अभ्यास वर्ग बुधवार को भखारा ब्लाक के ग्राम सिलीडीह में हुआ। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्रीराम गौसेवा संस्थान गायत्री मंदिर में अखिल भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा विशाल चंद्राकर ने कहा किवर्तमान समय में जैविक खेती ही प्राथमिकता है। रासायनिक खाद से धान की उत्पादकता भले ही ज्यादा हो, लेकिन जैविक खाद से उत्पादित धान की क्वालिटी बेहतर रहती है। गोबर खाद का अधिक से अधिक उपयोग करें। इसे जमीन की उर्वरकता बढ़ती है। एक फसली की बजाय किसानाें को बहुफसली उत्पादन लेना चाहिए। स्टापडेम, चेकडेम, कुआ तालाब, डबरी गलीं प्लग, कंटूर ट्रेंच, सोखपीट एव पौधारोपण आदि के माध्यम से संरक्षित जल भूमि के अंदर जाता है।
डाॅ विशाल चंद्राकर ने जैविक खेती, जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण, संगठन के रचनात्मक, आन्दोलान्त्मक कार्य एवं सामाजिक हितों पर विशेष जानकारी दी। विशिष्ट अतिथि कृषि उपसंचालक मोनेश साहू ने कहा कि ग्रामीणों में जल संरक्षण, भू-संरक्षण एवं पौध संरक्षण को बढ़ावा देकर लोगों को सजग करने और आने वाली पीढ़ी को जल जंगल एवं जमीन को बचाने की जानकारी देने के उद्देश्य से बीते दिनों वाटरशेड रथ यात्रा शुरू की गई थी। धमतरी जिले में गर्मी के मौसम में गिरते हुए भूजल स्तर को ध्यान में रखते हुए बारिश के पानी को संरक्षित करने और पानी का सदुपयोग करने के लिए अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग, वाटरशेड सरचना आदि के साथ ही कम पानी वाली फसलों दलहन-तिलहन लेने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। किसान कम जल अवशोषित करने वाली फसल का उत्पादन करें। इसके अलावा उन्होंने किसानों को कृषि विभाग के संबंध के संबंध में दी जाने वाली सुविधाओं को बारीकी से समझाया।
जिलाध्यक्ष लालाराम चंद्राकर एवं जिला मंत्री दुलार सिंह, संयोजक ललित सिन्हा ने तहसील एवं ग्रामीण स्तर पर संगठन की शक्ति के साथ किसानों के हितों में लगातार सहयोग प्रदान करने के संबंध में जानकारी दी। गौ सेवा संरक्षण पर रोहित साहू ने अपने विचार रखे। इस अवसर पर श्रीमती सिंधु बैस, पूर्णिमा साहू, तोमन साहू, शत्रुघन साहू, मंशा साहू, हेमेंद्र साहू, ठाकुरराम, रमन साहू, राजकुमार चंद्राकर, लालाराम साहू, विनय साहू, भोलाराम साहू, गोपाल चंद्राकर, शंकर गौतम, खेमराज, बैसाखुराम, ईश्वर साहू, लीलाराम, वेदराम, हीरालाल, योगेश्वर सेन, डोमेन, हुलासराम साहू, लखन साहू, धनेश, ठाकुरराम, हजारीराम, गिरिराज सोन, गोविंद, खिलेंद्र उपस्थित थे।
किसानी की लागत दिनों-दिन बढ़ रही : घनाराम साहू
जिले के किसानों द्वारा ग्रीष्मकालीन में धान की फसल लगाए गई है। वर्तमान में धान की कटाई मिंजाई जोरों से चल रही है। बीच-बीच में आए दिन मौसम भी करवट ले लेता है और हवा- तूफान भारी बारिश भी होती है। कहीं-कहीं पर ओलावृष्टि भी हुई है, जिससे किसानों के फसल उत्पादन की उपज पर बहुत फर्क पड़ा है। किसान यूनियन के अध्यक्ष घनाराम साहू ने कहा कि किसान चिंतित और परेशान हो गए हैं। मौसम खुलने पर किसान मिंजाई-कुटाई कर मंडी ले जाकर फसल को बेच रहे हैं। मंडी में धान की कीमत 17 सौ से 800 रुपये मिल रहा है। धान फसल की कीमत किसानों को उचित मिलनी चाहिए वह नहीं मिल पा रही है। किसान करे तो क्या करे। धान की फसल की कीमत निर्धारित समर्थन मूल्य 23 सौ रुपये प्रति क्विंटल के आसपास है। वर्तमान में किसान धान फसल को 17 सौ रुपये प्रति क्विंटल के से 18 सौ रुपये प्रति क्विंटल में बेचने पर मजबूर है। यह सरासर किसानों के साथ अन्याय व धोखा है। इसीलिए किसान संगठन लगातार वर्षों से न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की मांग कर रहा है, लेकिन केंद्र सरकार के कानों में जू तक नहीं रेंग रहा है। धान की खेती में बहुत ज्यादा लागत लगती है, जुताई, मताई, मजदूरी, खाद- दवाई की कीमतों में काफी वृद्धि हुई है। धान की खेती में प्रति एकड़ 30 हजार रुपये के आसपास लागत आती है। यह जो कीमत जो मिल रही है, उससे लागत से काफी काम है। सरकार किसानों को मंडियों में उचित कीमत दिलाए।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा
