Assam

पुनर्विकसित हयबरगांव रेलवे स्टेशन अपनी सेवा के लिए तैयार

हयबरगांव रेलवे स्टेशन अपने पल का कर रहा इंतजार

– प्रधानमंत्री गुरुवार को देश भर में 103 पुनर्विकसित अमृत स्टेशनों का करेंगे उद्घाटन

गुवाहाटी, 21 मई (Udaipur Kiran) । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आगामी गुरुवार को असम में पुनर्विकसित हयबरगांव रेलवे स्टेशन का वर्चुअल उद्घाटन करेंगे, जो इस राज्य और पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर होगा। यह आयोजन अमृत भारत स्टेशन योजना (एबीएसएस) के राष्ट्रीय क्रियान्वयन में एक मील का पत्थर साबित होगा, क्योंकि हयबरगांव असम का पहला रेलवे स्टेशन बन गया है, जो इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत राज्य के चिह्नित 50 स्टेशनों में से एक है। यह उद्घाटन 103 पुनर्विकसित स्टेशनों को कवर करने वाले एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसमें लगभग 15.85 करोड़ रुपये की परियोजना लागत से निर्मित हयबरगांव का शामिल होना, इस क्षेत्र में रेल बुनियादी ढांचे के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत का संकेत है।

पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (पूसीरे) के सीपीआरओ कपिंजल किशोर शर्मा ने आज बताया है कि अन्य उद्घाटनों के विपरीत, इस दिन का विशेष महत्व है क्योंकि यह प्रधानमंत्री के जमीनी स्तर के बुनियादी संरचना को बदलने और आधुनिक कनेक्टिविटी के माध्यम से क्षेत्रीय अंतर को पाटने पर अटूट ध्यान केंद्रित करने को दर्शाता है। हयबरगांव स्टेशन का पुनर्विकास न केवल तकनीकी और वास्तुशिल्प उत्थान का प्रतीक है, बल्कि पूर्वोत्तर भारत को तेज़ राष्ट्रीय विकास के दायरे में लाने के सरकार की इच्छा को भी दर्शाता है। यह पूसीरे के साथ-साथ असम के लिए भी गर्व का क्षण है, क्योंकि यह भारतीय रेलवे की सबसे महत्वाकांक्षी स्टेशन पुनर्विकास पहलों में से एक में राज्य की भागीदारी का नेतृत्व करता है।

असम में एबीएसएस के तहत उद्घाटन होने वाले पहले स्टेशन के रूप में हयबरगांव का चयन इसके रणनीतिक महत्व और यात्री-केंद्रित आधुनिकीकरण के लिए स्पष्ट विजन के साथ परियोजना के सफल निष्पादन को दर्शाता है। अपनी उन्नत सुविधाओं, बेहतर पहुंच और सांस्कृतिक सौंदर्य के साथ, यह स्टेशन पुनर्विकास के लिए तैयार असम के 49 अन्य स्टेशनों के लिए एक बेंचमार्क स्थापित करता है। प्रधानमंत्री द्वारा आधुनिक रेल अनुभव के इस प्रवेश द्वार का उद्घाटन करते ही हयबरगांव न केवल एक स्टेशन, बल्कि असम और पूर्वोत्तर के लोगों के लिए प्रगति, गौरव और प्रतिबद्धता का प्रतीक बनेगा।

(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश

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