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एचपीवी-कैंसर जनजागरूकता अभियान : कैंसर से बचाव और सावधानियों की दी जानकारी

एचपीवी-कैंसर जनजागरूकता अभियान

जयपुर, 21 मई (Udaipur Kiran) । सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के देशव्यापी जन स्वास्थ्य अभियान के तहत जयपुर में ‘कॉन्कर एचपीवी एंड कैंसर कॉन्क्लेव 2025’ लॉन्च किया गया। इस अभियान का लक्ष्य ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) के प्रति और यह वायरस किस तरह सर्वाइकल और अन्य तरह के कैंसर का कारण बनता है उसे लेकर जागरूकता पैदा करना है। इस अभियान का मकसद लोगों में यह जागरूकता लाना है कि जल्दी इलाज के लिए कदम उठाकर इसे कैसे रोका जा सकता है। जयपुर के आयोजन में एचपीवी के मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव पर विस्तार से चर्चा हुई। सभी वक्ताओं ने इस बात पर भी जोर दिया कि एचपीवी सिर्फ सर्वाइकल कैंसर तक ही सीमित नहीं है। यह वल्वा, वैजाइना, ऐनस (गुदा), लिंग और ओरोफैरिंक्स (मुख-ग्रसनी) के कैंसर से भी जुड़ा है, जो पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रभावित करता है। 15 से 25 वर्ष की आयु के बीच एचपीवी संक्रमण की आशंका सबसे ज़्यादा होने के कारण, प्रारंभिक जागरूकता और समय पर इसे रोकने के लिए कदम उठाए जाना जरूरी हैं।

इस पैनल में अपोलो मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल के कंसल्टेंट बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अपूर्वा टाक एमसीएच, डॉ.एनबी (गायनेकोलॉजिकल ऑन्कोलॉजी), एमएनएएमएस, एडिशनल कंसल्टेंट सर्जिकल (गायनेकोलॉजी) ऑन्कोलॉजी, भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, डॉ. आशीष अग्रवाल सीनियर कंसल्टेंट, नियो क्लिनिक चिल्ड्रन सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, डॉ. मोहित वोहरा – डायरेक्टर- सशक्त चाइल्ड केयर, गैस्ट्रो एंड लिवर सेंटर और सचिव जयपुर आईएपी के साथ डॉ. अंशु पटोदिया -सीनियर कंसल्टेंट, मीरा हॉस्पिटल; जनरल सेक्रेटरी-आईएससीसीपी, राजस्थान स्टेट ब्रांच और डॉ. वीना आचार्य सीनियर कंसल्टेंट और हेड, ऑब्सट एंड गायनेक प्रिवेंटिव ऑन्कोलॉजिस्ट, राजस्थान हॉस्पिटल, और गवर्निंग काउंसिल आईसीएमसीएच, नएआरसीएचआई, इंडिया की चेयरपर्सन। सत्र का संचालन इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ के बाल रोग विभाग के प्रोफेसर डॉ. जयदीप चौधरी ने किया। सभी ने इस वाइरस को लेकर तुरंत जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता, किशोरों और माता-पिता दोनों तक पहुंचने के महत्व और इससे बचाव में स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं की भूमिका पर प्रकाश डाला। जयपुर कॉन्क्लेव की खुली चर्चा में आमंत्रित लोगों ने भी भाग लिया। उनकी भागीदारी से इस अभियान के लक्ष्य- ‘जागरूकता के साथ निर्णय लेने और सामुदायिक सहभागिता के जरिए रोके जा सकने वाले कैंसर को काबू में करना’ को हासिल करने की दिशा में शानदार समर्थन मिला। आने वाले महीनों में यह पहल देश के अन्य शहरों में भी जारी रहेगी। यह स्वास्थ्य के क्षेत्र की कुछ विश्वसनीय आवाजों को एक मंच उपलब्ध कराएगी कि वे इस मुद्दे पर लोगों को जागरूक और सशक्त बनाएं।

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(Udaipur Kiran)

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