
20 साल पुराने मामले में तीन साल की मिली थी सजा, विधायकी पर संकट के बादल राज्यपाल से स्पीकर और सीएम की मुलाकात को लेकर अटकलें तेज
झालावाड़-बारां, 21 मई (Udaipur Kiran) । अंता (बारां) से भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा ने मंगलवार को मनोहरथाना स्थित एसीजेएम कोर्ट में सरेंडर कर दिया। उन्हें 20 साल पुराने एक आपराधिक मामले में दोषी मानते हुए अपीलेंट कोर्ट ने तीन साल की सजा सुनाई थी। सरेंडर के बाद कोर्ट ने उन्हें झालावाड़ के अकलेरा जेल भेज दिया है। कोर्ट पहुंचने पर समर्थकों ने नारेबाजी की, जिस पर विधायक नाराज हो गए और गुस्से में कोर्ट रूम के अंदर चले गए।
मामला तीन फरवरी 2005 का है। झालावाड़ जिले के मनोहरथाना क्षेत्र के दांगीपुरा-राजगढ़ मोड़ पर ग्रामीणों ने उप सरपंच चुनाव में दोबारा मतदान की मांग को लेकर रास्ता रोक रखा था। मौके पर तत्कालीन एसडीएम रामनिवास मेहता, प्रोबेशनर आईएएस प्रीतम बी. यशवंत और तहसीलदार पहुंचे थे। इसी दौरान कंवरलाल मीणा अपने साथियों के साथ पहुंचे। आरोप है कि उन्होंने एसडीएम की कनपटी पर पिस्टल तान दी। साथ ही कैमरा तोड़ने व जलाने और आईएएस अधिकारी का डिजिटल कैमरा छीन लिया।
ट्रायल कोर्ट ने 2018 में कंवरलाल मीणा को दोषमुक्त कर दिया था, लेकिन अपील पर अकलेरा की अदालत ने 14 दिसंबर 2020 को फैसला पलटते हुए तीन साल की सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी याचिकाएं खारिज कर दीं। सुप्रीम कोर्ट ने सात मई को उन्हें दो सप्ताह के भीतर सरेंडर करने का आदेश दिया था। इसके बाद ट्रायल कोर्ट ने नौ मई को गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया था।
कंवरलाल मीणा की सजा और जेल भेजे जाने के बाद उनकी विधायकी को लेकर संकट गहराता नजर आ रहा है। इस बीच विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राज्यपाल से मुलाकात की है, जिसे कंवरलाल प्रकरण से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
संविधान के अनुच्छेद 192 के तहत यदि किसी विधायक की अयोग्यता पर सवाल उठता है तो अंतिम निर्णय राज्यपाल का होता है।
(Udaipur Kiran) / रोहित
