
बिलासपुर, 20 मई (Udaipur Kiran) । छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में भीषण गर्मी में जल संकट और अन्य मामले पर स्वत: संज्ञान लेकर जनहित याचिका के रूप में मंगलवार काे सुनवाई की है। समाचार रिपोर्ट में प्रकाशित हुई शीर्षक में टंकी तैयार पूरे गांव में सप्लाई पाइपलाइन बिछी, पानी का पता नहीं जिसमें बताया गया है कि भीषण गर्मी में पूरा बिलासपुर जिला जल संकट से गुजर रहा है और पीएचई विभाग के पास जल संकट वाले गांवों की सूची नहीं है। वहीं 20 मई 2025 को निगम का दावा नाले नालियों की हो रही सफाई नहीं होगा जल भराव, लेकिन हकीकत देखिए शीर्षक से प्रकाशित हुई है, जिसमें बताया गया है कि बिलासपुर शहर में कई जगहों पर जलभराव हो जाता है, जिससे शहरवासियों को आवागमन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। नगर निगम हर साल बारिश से पहले और बरसात के बाद नालों की सफाई करवाता है, ताकि बरसात के मौसम में जलभराव की समस्या न हो। हालांकि नगर निगम का दावा है कि नालों को चिह्नित कर सफाई का काम किया जा रहा है, सभी आठ जोनों में रोस्टर बनाकर कार्य किया जाएगा तथा बरसात में जलभराव नहीं होगा। यह भी बताया गया है कि बड़े नालों की सफाई अभी तक शुरू नहीं हुई है। इन सब मामले को लेकर मंगलवार काे छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश अमितेंद्र प्रसाद की बैंच में सुनवाई हुई। वहां उपरोक्त मामलों के मद्देनजर आयुक्त, नगर निगम, बिलासपुर को अगली तिथि से पूर्व उपरोक्त दो समाचारों के संबंध में शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया हैं। वहीं मामले को आगे की निगरानी और अनुपालन के लिए 22 मई 2025 को सूचीबद्ध किया।
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(Udaipur Kiran) / Upendra Tripathi
