
नई दिल्ली, 20 मई (Udaipur Kiran) । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सहकार से समृद्धि के मंत्र को आगे बढ़ाने के लिए सहकारी डेयरी क्षेत्र में तीन नई बहुराज्यीय सहकारी समितियों की स्थापना का निर्णय लिया गया।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को नई दिल्ली में सहकारी डेयरी क्षेत्र में सस्टेनेबिलिटी और सर्क्युलैरिटी विषय पर एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में तीन नई बहुराज्यीय सहकारी समितियों की स्थापना का निर्णय लिया गया। पहली समिति पशु आहार निर्माण, रोग नियंत्रण और कृत्रिम गर्भाधान। दूसरी समिति गोबर प्रबंधन मॉडल विकसित करने और तीसरी समिति मृत मवेशियों के अवशेषों के सर्क्युलर उपयोग को बढ़ावा देने पर काम करेंगी।
बैठक को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि सहकारिता ग्रामीण विकास का मूल मंत्र है और सहकारी डेयरी क्षेत्र इसका एक उत्तम उदाहरण है। उन्होंने कहा कि डेयरी सहकारी समितियां भारतीय दुग्ध क्षेत्र में दूध उत्पादन और विपणन के माध्यम से महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ कर रही हैं।
शाह ने कहा कि वैज्ञानिक मॉडल के माध्यम से कार्बन क्रेडिट का प्रत्यक्ष लाभ किसानों तक पहुंचाया जाना चाहिए। इससे न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि डेयरी क्षेत्र को अधिक सतत और पर्यावरण अनुकूल बनाने में भी मदद मिलेगी।
अमित शाह ने कहा कि सहकारी समितियों की भूमिका डेयरी क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण है। ये समितियां छोटे किसानों को स्थिर बाजार, ऋण सुविधा, पशु चिकित्सा और प्रजनन जैसी सेवाएं प्रदान कर रही हैं और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ कर रही हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भविष्य में सहकारी डेयरी क्षेत्र में विकास के लिए कई योजनाएं बनाई जा रही हैं। इसमें डेयरी क्षेत्र में सस्टेनेबिलिटी और सर्क्युलैरिटी को बढ़ावा देने के लिए नए मॉडल विकसित करना और सहकारी समितियों को मजबूत करना शामिल है।
अमित शाह ने कहा कि सहकारी डेयरी क्षेत्र में विकास के लिए सभी हितधारकों को मिलकर काम करना होगा। इससे न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि डेयरी क्षेत्र को भी मजबूत किया जा सकेगा। सहकारिता मंत्रालय और मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय सभी हितधारकों को एक साथ लाया है जिससे अब नीति निर्माण, वित्त पोषण से लेकर ग्राम स्तरीय सहकारिता के गठन और उन्हें बहुउद्देशीय बनाने का कार्य तीव्र गति से हो रहा है।
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(Udaipur Kiran) / सुशील कुमार
