
सोनीपत, 20 मई (Udaipur Kiran) । लिंगानुपात में असंतुलन भारतीय समाज की एक गहरी सामाजिक चुनौती
रही है। सरकार द्वारा चलाई जा रही बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना का उद्देश्य
इस असमानता को दूर कर बेटियों को समाज में समान अधिकार और सम्मान दिलाना है। इसी दिशा
में सोनीपत जिले के किडौली गांव में एक विशेष जागरूकता अभियान चलाया गया।
कार्यक्रम की मुख्य वक्ता सीडीपीओ नीलम देवी ने बताया कि इसका
उद्देश्य समाज में बेटा-बेटी के भेद को समाप्त कर समानता की भावना जागृत करना है। गांव
में 12 मई 2025 को जन्मी पहली बच्ची का जन्मोत्सव केक काटकर मनाया गया। वीडियो वैन
के माध्यम से ग्रामीणों को बेटियों की शिक्षा और सुरक्षा पर जानकारी दी गई। उन्होंने
कहा कि सोनीपत के उपायुक्त डॉ. मनोज कुमार के निर्देशानुसार बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ
अभियान के अंतर्गत गांव किडौली (खरखौदा) में लिंगानुपात सुधार हेतु विशेष जागरूकता
कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम उन गांवों में चलाया जा रहा है जहाँ लिंगानुपात
अपेक्षाकृत कम है। जिला महिला एवं बाल विकास विभाग और लोक संपर्क विभाग की टीमों ने
इसमें भाग लिया।
इस अवसर पर आंगनबाड़ी केंद्रों पर गोद भराई रस्म, कुआं पूजन और बालिकाओं द्वारा पौधरोपण जैसे कार्यक्रम आयोजित किए गए। महिलाओं को शपथ दिलाई गई
कि वे बेटा-बेटी में कोई भेद नहीं करेंगी। इसके साथ ही ग्रामीणों को एनडीपीटी अधिनियम,
1994 के तहत लिंग निर्धारण पर कानूनी प्रतिबंधों के बारे में भी बताया गया।
(Udaipur Kiran) शर्मा परवाना
