
कोलकाता, 20 मई (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल में निजी बस ऑपरेटरों और राज्य परिवहन विभाग के बीच चल रही बातचीत सोमवार को किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी। इसके चलते बस संगठनों ने 22 मई से राज्यव्यापी तीन दिवसीय हड़ताल पर जाने का निर्णय बरकरार रखा है।
‘बेसरकारी यात्री परिवहन बचाओ कमिटी’ के बैनर तले जुड़े पांच प्रमुख निजी बस संगठनों का कहना है कि वे लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। इन मांगों में 15 साल से पुराने बसों को दो साल का अतिरिक्त विस्तार देने और ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन को लेकर पुलिस की कथित मनमानी रोकने की प्रमुख मांगें शामिल हैं।
संयुक्त बस सिंडिकेट, बंगाल बस सिंडिकेट, वेस्ट बंगाल बस-मिनी बस ओनर्स एसोसिएशन, मिनी बस ऑपरेटर्स को-ऑर्डिनेशन कमिटी और इंटर एंड इंट्रा रीजन बस एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने परिवहन सचिव सौंमित्र मोहन और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से कई दौर की बैठकें कीं, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका।
इंटर एंड इंट्रा रीजन बस एसोसिएशन के प्रवक्ता पी. एन. बोस ने बताया कि यात्रियों के हित में 20 मई को एक और बैठक की जाएगी, जिसमें कोलकाता पुलिस के विभिन्न डिविज़नों के डिप्टी कमिश्नर भी वर्चुअली जुड़ेंगे। उन्होंने कहा, आखिरी उम्मीद बस यही है।
बोस ने बताया कि निजी बस संचालक अब भी 2020 के कोविड लॉकडाउन के दौरान हुए नुकसान से उबर नहीं पाए हैं। राज्य सरकार ने अब तक इस क्षेत्र के लिए कोई ठोस वित्तीय सहायता घोषित नहीं की है। ऊपर से झूठे ट्रैफिक चालान और भारी जुर्माने जैसे पुलिसिया दबाव से बस ऑपरेटरों का जीना मुश्किल हो गया है।
उन्होंने बताया कि इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री कार्यालय को भी पत्र भेजा गया था, लेकिन अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
वर्तमान में कोलकाता और आसपास के इलाकों में लगभग 2,500 निजी बसें चल रही हैं, जबकि पूरे राज्य में इनकी संख्या करीब 27 हजार है। हड़ताल से यातायात व्यवस्था पर बड़ा असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
