
नैनीताल, 20 मई (Udaipur Kiran) । उत्तराखंड के नैनीताल जनपद मुख्यालय में 12 वर्षीय नाबालिग बालिका से दुष्कर्म के मामले में 70 वर्षीय आरोपित उस्मान अली का जमानत प्रार्थना पत्र विशेष न्यायाधीश-पॉक्सो अपर जिला न्यायाधीश सुधीर तोमर के न्यायालय ने निरस्त कर दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मल्लीताल थाने में आरोपित उस्मान अली पर नाबालिग बच्ची की मां की तहरीर पर बेटी से दुष्कर्म और जान से मारने की धमकी देने के आरोप में भारतीय न्याय संहिता की धारा 65(1) व 351(1) तथा 3/4 पॉक्सो अधिनियम और 3(1)(ब)(प), 3(अ)(पप) एससीएसटी अधिनियम के तहत अभियोग दर्ज है।
इसका विरोध करते हुए उस्मान अली की अधिवक्ता मनीषा भंडारी ने दावा किया कि दुष्कर्म की घटना 12 अप्रैल को होने और 30 अप्रैल 2025 को प्राथमिकी दर्ज होने में हुई देरी का कोई स्पष्टीकरण नहीं है, घटनास्थल गैराज में कोई गाड़ी पार्क नहीं होती थी, और सीसीटीवी फुटेज में गाड़ी घर के सामने दिखती है। हालांकि अभियोजन पक्ष की अधिवक्ता हेमा सुयाल और दीपा रानी ने तर्क दिया कि पीड़िता ने अपने बयानों और चिकित्सीय परीक्षण में दुष्कर्म की पुष्टि की, जिसमें आरोपित ने चाकू दिखाकर और मुंह बांधकर लाल रंग की गाड़ी में अपराध किया। इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य की जांच बाकी है, और प्रभावशाली आरोपित के जमानत पर रिहा होने से साक्ष्य प्रभावित होने का खतरा है।
न्यायालय ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए जमानत खारिज कर दी। पीड़िता की मां की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संजय त्रिपाठी व स्वाति परिहार ने पैरवी की।
आरोपित के दो लाल रंग के वाहन 1-1 लाख के बंधपत्र पर मुक्त
नैनीताल। 12 वर्षीय बच्ची के दुष्कर्म के मामले में विशेष न्यायाधीश-पॉक्सो अपर जिला न्यायाधीश सुधीर तोमर के न्यायालय ने आरोपित के पुत्र कासिम उस्मान खान के वाहनों को फॉरेंसिक जांच के उपरांत मुक्त करने के प्रार्थना पत्र पर पुलिस द्वारा जब्त तीन में से दो वाहनों को 1-1 लाख रुपये के बंध पत्र पर मुक्त करने के आदेश दिये हैं।
पुलिस ने एक वाहन जब्त नहीं बताया है। खास बात यह है कि आरोपित के तीनों वाहन-थार, बलीनो व अल्टो लाल रंग के थे और पीड़िता ने लाल वाहन में उसके साथ दुष्कर्म किये जाने के बयान दिये हैं। यह बात शुरू से कही जा रही थी कि दुष्कर्म पीछे से खुलने वाले थार वाहन में किया गया। तीनों वाहनों के लाल रंग के होने और फॉरेंसिक टीम के द्वारा घर के बाहर खड़ी लाल रंग की अल्टो कार की जांच किये जाने से भी कुछ भ्रमपूर्ण स्थिति रही।
(Udaipur Kiran) / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी
