
सिरसा, 20 मई (Udaipur Kiran) । आशा वर्कर यूनियन की जिला प्रधान दर्शना रानी ने कहा कि हरियाणा सरकार कन्या भू्रण हत्या को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग में काम करने वाली आशा वर्कर्स को धमकी भरे पत्र भेज रही है। समाचार पत्रों में धमकी भरे बयान देकर अपनी नाकामी को छुपाना चाहती है। सरकार ऐसे बयान देकर और विभाग में काम करने वालों को धमका कर प्राइवेट अल्ट्रासाउंड केंद्रों को खुली छूट दे रही है और सरकारी स्वास्थ्य के ढांचे को बर्बाद कर रही है। प्रधान दर्शना रानी मंगलवार को सिरसा में जिलाभर से भगत सिंह स्टेडियम में पहुंची आशा वर्करों को संबोधित कर रही थी। इस दौरान आशा वर्करों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रोष जाहिर किया।
दर्शना रानी ने कहा कि अगर सरकार कन्या भ्रूण हत्या को रोकना चाहती है तो हरियाणा प्रदेश के अंदर तमाम अल्ट्रासाउंड केंदो को सरकारी स्वास्थ्य के ढांचे में शामिल करते हुए गर्भवती महिलाओं के जरूरत पडऩे पर फ्री अल्ट्रासाउंड करवाने की जिम्मेदारी उठाए। उन्होंने कहा कि आज तक सरकार ने गर्भवती महिलाओं के लिए जितनी योजनाओं की घोषणा की है वह केवल घोषणा है और कागजों तक ही सीमित है। पूरे प्रदेश में किसी पीएचसी पर महिला रोग विशेषज्ञ बाल रोग विशेषज्ञ और पीएचसी पर डिलीवरी होने के समय अगर कोई इमरजेंसी होती है तो उसे इमरजेंसी को संभालने के लिए महिला डॉक्टर तक उपलब्ध नहीं है। गर्भवती महिलाओं की जांच के लिए केवल महीने में एक दिन कैंप लगाकर औपचारिकता पूरी कर दी जाती है।
यूनियन की सचिव पिंकी शाक्य ने कहा कि ज्यादातर पीएचसी पर लैब टेक्नीशियन और दवाइयां तक उपलब्ध नहीं है। सरकारी जिला अस्पताल में भी अल्ट्रासाउंड की मशीन उपलब्ध नहीं है। सरकारी अस्पताल में जाने वाली गर्भवती महिला और अन्य मरीजों के साथ व्यवहार की अनेक को शिकायतें बार-बार विभाग को की गई है, गर्भवती महिलाओं के लिए गांव स्तर पर सब सेंटर में जरूरी दवाई और एमसीपी कार्ड तक समय पर उपलब्ध नहीं करवाए जाते हैं।
—————
(Udaipur Kiran) / Dinesh Chand Sharma
