

नई दिल्ली, 20 मई (Udaipur Kiran) । केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा बनाए रखने के लिए विनियमन और स्वतंत्रता के बीच सही संतुलन होना चाहिए। सीतारमण ने नियामक से बाजार में होने वाले बदलावों का अनुमान लगाने और प्रासंगिक बने रहने का आग्रह किया।
सीतारमण ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के 16वें वार्षिक दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि नियामक ढांचे को ऐसे विलयों के लिए त्वरित अनुमोदन की सुविधा प्रदान करनी चाहिए जो प्रतिस्पर्धी प्रथाओं को नुकसान न पहुंचाएं। उन्होंने बाजार में होने वाले बदलावों का पूर्वानुमान लगाने और निष्पक्ष व्यवहार को बढ़ावा देने में सीसीआई की भूमिका पर भी जोर दिया।
कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री के रूप में सीतारमण ने बाजार में बदलावों के अनुकूल ढलने में सीसीआई की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। सीतारमण ने कहा कि विनियमनों को तेजी से मंजूरी सुनिश्चित करनी चाहिए, जहां प्रतिस्पर्धा को खतरा न हो। इस कार्यक्रम में खरीद अधिकारियों के लिए टूलकिट भी जारी की गई। इस अवसर पर सीसीआई की अध्यक्ष रवनीत कौर भी मौजूद थीं।
सीसीआई के 16वें वार्षिक दिवस समारोह में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि विनियमन और स्वतंत्रता के बीच सही संतुलन होना चाहिए। सीसीआई के 16वें वार्षिक दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम में सार्वजनिक खरीद अधिकारियों के लिए एक नया डायग्नोस्टिक टूलकिट और संयोजनों से निपटने के बारे में एफएक्यू भी जारी किया गया, जिससे उत्तरदायी और प्रभावी प्रतिस्पर्धा विनियमन की आवश्यकता की पुष्टि हुई।
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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर
