
भागलपुर, 19 मई (Udaipur Kiran) । मालदा रेलमंडल के मंडल रेल प्रबंधक यतीश कुमार के मार्गदर्शन में ट्रेनों के संचालन की सुरक्षा एवं समयपालन को सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इन्हीं प्रयासों के तहत एक जन-जागरूकता अभियान कहलगांव – लैलख ममलखा सेक्शन के मवेशी टकराव संभावित क्षेत्रों में एक जन-जागरूकता कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित किया गया।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य मवेशी टकराव, चेन खींचना, मानव टकराव, पथराव, ट्रैक पर अतिक्रमण, पटरियों पर वस्तुएं रखना, सिग्नल उपकरणों के साथ छेड़छाड़ करना तथा रेल परिसर के आसपास मवेशियों को चराने जैसे खतरनाक एवं असुरक्षित कार्यों के प्रति आमजन को जागरूक करना था। इस अभियान के दौरान परिचालन, इंजीनियरिंग तथा रेलवे सुरक्षा बल विभाग के अधिकारियों ने संवेदनशील क्षेत्रों के स्थानीय निवासियों से संवाद किया। उन्होंने बताया कि इस प्रकार की गतिविधियाँ न केवल मानव एवं पशु जीवन के लिए घातक हैं, बल्कि रेल संचालन में भी गंभीर बाधा उत्पन्न करती हैं।
अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि ये कृत्य रेलवे अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दंडनीय हैं। इस दौरान विशेष रूप से मवेशी टकराव की समस्या पर बल दिया गया, जो एक गंभीर सुरक्षा चिंता का विषय है। ग्रामीणों को यह समझाया गया कि पटरियों के पास आवारा मवेशियों की उपस्थिति से कितनी बड़ी दुर्घटनाएं हो सकती हैं। उन्हें सुरक्षित एवं उत्तरदायी पशुपालन के लिए प्रोत्साहित किया गया।
उल्लेखनीय है कि वित्तीय वर्ष 2024–25 में अब तक मालदा मंडल में मवेशी टकराव की 245 घटनाएं दर्ज की गई हैं, जिनमें से 25 मामले साहिबगंज–भागलपुर सेक्शन में सामने आए हैं। इस जागरूकता कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्थानीय समुदाय से प्रत्यक्ष संवाद स्थापित कर सुरक्षा और सतर्कता की भावना को प्रोत्साहित करना था।
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(Udaipur Kiran) / बिजय शंकर
