
जयपुर, 19 मई (Udaipur Kiran) । कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने विधानसभा की प्राक्कलन समिति-‘ख’ (एस्टीमेट कमेटी-बी) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने यह फैसला विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी पर मनमानी और पक्षपात के आरोप लगाते हुए लिया।
डोटासरा ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर अपने इस्तीफे की घोषणा की।
उन्होंने लिखा कि लोकतंत्र में संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों से निष्पक्षता की उम्मीद की जाती है, लेकिन जब फैसले पक्षपातपूर्ण नजर आएं तो चुप रहना गलत होगा।
डोटासरा ने विधानसभा अध्यक्ष पर आरोप लगाया कि वे सरकार के दबाव में काम कर रहे हैं और संविधान की भावना के खिलाफ फैसले ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि समितियां सिर्फ सत्ता पक्ष की माेहर नहीं होतीं, बल्कि उनका काम संतुलन और निगरानी करना होता है।
उन्होंने कांग्रेस विधायक नरेंद्र बुडानिया को विशेषाधिकार समिति के अध्यक्ष पद से हटाने का भी जिक्र किया और कहा कि आमतौर पर इस तरह की समितियों के अध्यक्षों का कार्यकाल एक साल होता है, लेकिन 15 दिन में उन्हें हटा देना चौंकाने वाला फैसला है।
डोटासरा ने एक और मामले का हवाला देते हुए कहा कि अंता से भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा को हाईकोर्ट ने तीन साल की सजा सुनाई है। नियमों के अनुसार दो साल से ज्यादा सजा मिलने पर सदस्यता स्वत: रद्द हो जाती है, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने अब तक उनकी सदस्यता रद्द नहीं की, जो संविधान और अदालत की अवहेलना है।
डोटासरा ने कहा कि ऐसे कई फैसले विधानसभा अध्यक्ष की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हैं। उन्होंने अपील की कि अध्यक्ष को संविधान की शपथ का पालन करते हुए निष्पक्ष फैसले लेने चाहिए, जिससे लोगों का भरोसा बना रहे।
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(Udaipur Kiran) / रोहित
