
सवाई माधोपुर, 18 मई (Udaipur Kiran) । रणथंभौर टाइगर रिजर्व एक बार फिर चर्चा में है। पहले बाघिन के शावकों के साथ लोगों के खेलने और फिर एक युवक द्वारा टाइगर के सामने रील बनाने की घटनाएं सामने आईं। अब केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा शेयर किया गया नाइट सफारी का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, जिससे वन्यजीव प्रेमियों और विशेषज्ञों में चिंता की लहर है।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत 16 मई को दो दिवसीय दौरे पर सवाई माधोपुर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने रणथंभौर स्थित सोलेश्वर महादेव मंदिर का निरीक्षण किया और जीर्णोद्धार के लिए अधिकारियों को प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए। मंदिर से लौटते समय उन्होंने टाइगर का दीदार किया, जिसका वीडियो उन्होंने 17 मई को अपने फेसबुक अकाउंट से साझा किया।
वीडियो के साथ लिखा गया – “रणथंभौर नेशनल पार्क में जंगल के राजा से मुलाकात!”
यह वीडियो सूर्यास्त के बाद का है, जिसमें टाइगर साफ तौर पर दिखाई दे रहा है और जिप्सी की लाइट भी उस पर पड़ती दिख रही है।
नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) की गाइडलाइन के अनुसार टाइगर रिजर्व में नाइट सफारी पूर्णतः प्रतिबंधित है। यदि किसी कारणवश पर्यटक सूर्यास्त के बाद जंगल में रह जाते हैं, तो लौटते समय वन्यजीवों पर लाइट नहीं डाली जा सकती। बावजूद इसके, वायरल वीडियो में इन नियमों की अवहेलना साफ नजर आ रही है।
इस मामले में रणथंभौर टाइगर रिजर्व के सीसीएफ अनूप के. आर. और डीएफओ रामानंद भाकर ने सीधी प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, बाद में डीएफओ रामानंद भाकर ने बताया कि केंद्रीय मंत्री के अकाउंट से जो वीडियो शेयर किया गया है, वह कब और कहां का है, इसकी जांच की जा रही है।
रणथंभौर टाइगर रिजर्व पर पहले भी यह आरोप लगते रहे हैं कि यहां पर्यटन को वन्यजीव संरक्षण से ज्यादा तरजीह दी जा रही है। अब जब नियमों के विपरीत यह वीडियो सामने आया है, तो सवाल उठ रहे हैं कि क्या नियम सभी के लिए समान हैं?
वन्यजीव प्रेमियों और पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि यदि सरकारी स्तर पर ही ऐसे नियमों का उल्लंघन होगा, तो फिर आम लोगों को कैसे रोका जा सकेगा। साथ ही इससे बाघों के प्राकृतिक व्यवहार पर भी असर पड़ सकता है।
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(Udaipur Kiran) / रोहित
