मंडी, 18 मई (Udaipur Kiran) । दो दशक से सड़क खुलने का इंतजार कर रहे कई गांवों के बाशिंदे सड़क खुलवाने की मांग पर जिला परिषद सदस्य एवं किसान सभा के राज्य उपाध्यक्ष कुशाल भारद्वाज के नेतृत्व में लोक निर्माण विभाग केअधिशाषी अभियंता से मिले तथा बेवजह बंद की गई सड़क को जल्दी खुलवाने की मांग की। इस प्रतिनिधिमंडल में श्याम सिंह, जय सिंह, रमेश चंद, रूप चंद सहित अन्य ग्रामीण तथा पंचायत प्रधान सीमा भी शामिल रही। इस अवसर पर कुशाल भारद्वाज ने कहा जिस सड़क के निर्माण में करोड़ों रूपाया खर्च हुआ है वह निर्माण के कुछ समय बाद भूस्खलन के चलते 20 वर्षों से बंद पड़ी है तथा सड़क से लाभान्वित होने वाले 5 गांवों ज़्यादातर दलित परिवार हैं इसलिए इस सड़क को कुछ लोगों के दबाव के चलते विभाग कोई कार्यवाही ही नहीं करता है। इससे हमारी सरकारों और विभागीय अधिकारियों की दलित विरोधी मानसिकता भी उजागर होती है।
उन्होंने कहा कि दो दशक पहले भराड़ू, कस व नेरघरवासड़ा पंचायतों को आपस में जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत कूनडूनी- कस- भौरा- गड़ूही के लिए हरिजन बस्ती सड़क मंजूर हुई थी। इस सड़क पर बस सेवा शुरू करने के उद्देश्य से 21 वर्ष पहले सड़क का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। सड़क बनकर तैयार भी हुई थी, लेकिन एक जगह भूस्खलन होने के चलते यह सड़क वर्ष 2009 से बंद पड़ी है।
कुशाल भारद्वाज ने बताया कि वर्ष 2006 में इस सड़क का निर्माण कार्य हुआ था तथा उसके बाद इस सड़क पर वाहन चलने भी शुरू हुए थे, लेकिन राजकीय प्राथमिक पाठशाला भौरा के समीप भूस्खलन के कारण यह सड़क बंद हो गई। जब दोबारा सड़क को खोलने की कवायद शुरू हुई तो किसी ने इस बारे कोर्ट से स्टे ले लिया। हालांकि कोर्ट ने कई साल पहले ही स्टे हटा दिया है, लेकिन सड़क अभी भी बंद पड़ी है। गड़ूही व भौरा गांवों के गरीब किसानों विशेषकर अनुसूचित जाति के परिवारों ने जिनके पास पहले से ही बहुत कम मलकीयत भूमि है, ने इस सार्वजनिक कार्य हेतु अपनी उपजाऊ भूमि दान की है। अपनी जमीन खोने के लगभग अढ़ाई दशक बाद भी ये दलित परिवार और अन्य लोग सड़क सुविधा से वंचित हैं।
उन्होंने कहा कि कोर्ट से स्टे हटने के बाद और वन विभाग द्वारा स्वीकृति मिलने के बाद भी जब लंबे समय से सड़क को खोलने के लिए कोई कार्य नहीं हुआ।
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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा
