Jammu & Kashmir

कश्मीरी कविता संग्रह के पंजाबी अनुवाद की पुस्तक का विमोचन

कश्मीरी कविता संग्रह के पंजाबी अनुवाद की पुस्तक का विमोचन

जम्मू, 17 मई (Udaipur Kiran) । जम्मू और कश्मीर कला, संस्कृति और भाषा अकादमी (जेकेएएसीएल) ने पंजाबी लेखक सभा (पीएलएस) के सहयोग से केएल सहगल ऑडिटोरियम, राइटर्स क्लब, जम्मू में एक पुस्तक विमोचन समारोह की मेजबानी की। इस कार्यक्रम में जेकेएएसीएल के पूर्व सचिव डॉ. रफीक मसूदी द्वारा लिखित प्रशंसित कश्मीरी कविता संग्रह पनुन दोद, पैनेन डग का पंजाबी अनुवाद मेरी पीड, मेरा बिरहारा का आधिकारिक लॉन्च हुआ।

साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता खालिद हुसैन ने मुख्य अतिथि के रूप में समारोह की अध्यक्षता की। हरविंदर कौर, सचिव जेकेएएसीएल सहित उल्लेखनीय हस्तियां; डॉ. अरविंदर सिंह अमन, पूर्व अतिरिक्त सचिव, जेकेएएसीएल; शैलेन्द्र सिंह, एसएसपी रेलवे; डॉ. बलजीत रैना, अध्यक्ष पीएलएस; और लेखक स्वयं डॉ. मसूदी ने अध्यक्षीय सभा की शोभा बढ़ाई।

अपने स्वागत भाषण में हरविंदर कौर ने गणमान्य व्यक्तियों और उपस्थित लोगों को हार्दिक धन्यवाद दिया, डॉ. मसूदी की कविता में कैद सांस्कृतिक और भावनात्मक गहराई पर जोर दिया। उन्होंने कश्मीरी विरासत को संरक्षित करने और क्षेत्र के सामूहिक दर्द और लचीलेपन को आवाज़ देने में पुस्तक की भूमिका की प्रशंसा की। पुस्तक के पंजाबी संस्करण का अनुवाद दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ. गगनदीप सिंह ने किया है। मूल रूप से 2013 में कश्मीरी में प्रकाशित कविता संग्रह कश्मीरी लोगों के दुख और सांस्कृतिक पहचान को दर्शाता है। प्रो. मुहम्मद असलम द्वारा अनुवादित माई पेन, माई अफ्लेक्शन शीर्षक से एक अंग्रेजी अनुवाद 2022 में जारी किया गया था।

प्रभजोत कौर और चरणजीत सिंह द्वारा दो व्यावहारिक शोध पत्र प्रस्तुत किए गए जिसमें पुस्तक की साहित्यिक और भावनात्मक ताकत पर प्रकाश डाला गया। डॉ. अरविंदर सिंह अमन ने मूल कार्य के सार को पकड़ने के लिए अनुवादकों और पेपर प्रस्तुतकर्ताओं के प्रयासों की प्रशंसा की। अपने संबोधन में खालिद हुसैन ने डॉ. मसूदी की कविता को सांप्रदायिक सीमाओं से परे बताते हुए कश्मीरी अनुभव में निहित मानवीय संदेश को मूर्त रूप दिया।

(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा

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