Haryana

सिरसा: भाजपा ने पेयजल प्रबंधन के लिए नहीं किए ठोस प्रयास: सैलजा

सिरसा, 17 मई (Udaipur Kiran) । सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपने कार्यकाल में पेयजल प्रबंधन को लेकर कोई ठोस प्रयास नहीं किया। यदि समय रहते नहरों की साफ सफाई करवा ली गई होती तो प्रदेश को पूरी मात्रा में पानी मिलता, क्योंकि भाखड़ा नांगल बांध से हमारे हिस्से का जो पानी छोड़ा जाता है वह पूरी मात्रा में नहीं आ पाता। आज हालात ऐसे हैं कि पंजाब सरकार हरियाणा के लोगों की प्यास बुझाने के बजाए पानी पर राजनीति कर रही है।

शनिवार को मीडिया को जारी बयान में सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि मार्च माह में हरियाणा के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अनुरोध किया गया था के नहरों की साफ सफाई करवा ली जाए ताकि नहरों में पूरी मात्रा में पानी आ सके और अंतिम छोर तक (टेल) पानी पहुंच चुके, पर सरकार ने इस ओर कोई ध्यान ही नहीं दिया। हरियाणा के हिस्से के पूरे पानी का उपयोग तक सरकार नहीं कर पाई, एसवाईएल नहर का मामला भी राजनीति की भेंट चढ़ गया, सर्वोच्च न्यायालय के आदेश तक पंजाब सरकार नहीं मान रही है।

पंजाब और हरियाणा के बीच पानी को लेकर चल रहे विवाद के बीच हरियाणा के 10 जिलों में गंभीर जल संकट पैदा हो गया है। हालात यह हैं कि प्रदेश के 51 जलघरों में पानी पूरी तरह से सूख चुका है। इनमें सबसे ज्यादा प्रभावित सिरसा, रोहतक, महेंद्रगढ़, चरखी दादरी और भिवानी समेत दक्षिण हरियाणा के कई शहर हैं। जलघर के टैंकों में पानी खत्म होने से जनस्वास्थ्य विभाग की राशनिंग व्यवस्था भी कमजोर पड़ गई है। हालांकि अब ऐसे स्थानों पर ट्यूबवेल के जरिए पानी की आपूर्ति की जा रही है।

उन्होंने कहा है कि हाईकोर्ट ने भी हरियाणा के हित में फैसला दिया है पर पंजाब सरकार उसे मानने को तैयार नहीं है जो देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए घातक है। सिरसा में किसानों और ग्रामीणों को अब पीने के पानी और सिंचाई के लिए पानी की किल्लत से जूझना पड़ रहा है. सिंचाई विभाग ने भी पानी की किल्लत के चलते अपने हाथ खड़े कर दिए है। किसान धान और नरमा की बिजाई करने की सोच रहे हैं, लेकिन पानी की किल्लत की वजह से किसान अब फसलों की बिजाई भी नहीं कर सकेगा।

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(Udaipur Kiran) / Dinesh Chand Sharma

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