
फार्मासिस्ट नियमित भर्ती 2023 मामला: हाईकोर्ट ने छह सप्ताह में समस्त परिलाभ सहित नियुक्ति देने के जारी किए आदेश
जोधपुर, 17 मई (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाइकोर्ट की न्यायाधीश रेखा बोराणा ने फार्मासिस्ट नियमित भर्ती 2023 मामले में दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को बोनस अंक देकर छह सप्ताह में समस्त परिलाभ सहित नियुक्ति देने के आदेश जारी किए है।
नागौर जिले में डेगाना निवासी याचिकाकर्ता लक्ष्मण कुमार की ओर से अधिवक्ता यशपाल खि़लेरी ने रिट याचिका पेश कर बताया कि याचिकाकर्ता रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट है और उप-जिला चिकित्सालय डेगाना में मरीजों की बढ़ती तादाद को मद्देनजर रखते हुए और मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना के तहत स्वीकृत ड्रग डिस्ट्रिब्यूशन सेन्टर (डीडीसी) का सुलभ संचालन के उद्देश्य से राजस्थान फार्मेसी कॉउन्सिल जयपुर में पंजीकृत अभ्यर्थी को सहायक फार्मासिस्ट पद पर नियुक्त करने का निर्णय किया गया।
इसकी पालना में मेडिकेयर रिलीफ सोसाइटी के तत्कालीन पदेन सचिव व प्रमुख चिकित्सा अधिकारी ने याचिकाकर्ता को संविदा फार्मासिस्ट पद पर 27 मार्च 2019 को नियुक्ति दे दी और तब से ही याचिकाकर्ता फार्मासिस्ट के रूप में डीडीसी पर दवा वितरण का कर्तव्य सम्पादन कर रहा है। साथ ही अपनी नियमित व संतोषजनक सेवाएं दे रहा है। अब फार्मासिस्ट पदों की नियमित भर्ती 2023 में याचिकाकर्ता ने अपना आवेदन अनुसूचित जाति वर्ग में पेश कर दिया। भर्ती प्रक्रिया में उसका अंतरिम चयन सूची में चयन कर लिया गया लेकिन अंतिम चयन सूची से उसका नाम यह कहते हुए हटा दिया कि चूंकि उसने हेल्पर पद, जिसका वेतन फार्मासिस्ट के वेतन से कम है, पर वर्ष 2019 से काम कर रहा है जो फार्मासिस्ट पद पर किया गया कार्य अनुभव नहीं माना जा सकता है। इस पर रिट याचिका दायर कर चुनौती दी गई।
बोनस अंक नहीं देकर किया बाहर
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता खि़लेरी ने बताया कि चिकित्सा विभाग द्वारा पांच मई 2023 को फार्मासिस्ट के नियमित 2766 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया गया। उक्त पद के लिए नियम 1965 के अनुसार निर्धारित योग्यता (1) फार्मेसी में डिप्लोमा और (2) राजस्थान फार्मेसी कॉउन्सिल में रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट होना आवश्यक रखा गया। साथ ही फार्मासिस्ट पद पर या समकक्ष पद पर समान कार्य अर्थात दवा वितरण इत्यादि का कार्य कर रहे संविदा कार्मिकों को 10, 20, और 30 अंक बोनस अंक के रुप में देने का प्रावधान किया गया।
याचिकाकर्ता के पास अंतिम निर्धारित तिथि को 1255 दिन अर्थात तीन वर्ष से अधिक का दवा वितरण कार्य अनुभव होने से वह 30 बोनस अंक का हकदार हैं। याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि दस्तावेज सत्यापन काउंसलिंग पश्चात चिकित्सा विभाग की भर्ती एजेंसी शिफ़ू ने पांच जुलाई 2024 को अस्थायी वरीयता सूची जारी की, जिसमें उसका चयन किया गया है। अब चिकित्सा विभाग की भर्ती एजेंसी शिफ़ू ने फार्मासिस्ट भर्ती 2023 के संबंध में 24 मार्च 2025 को स्थायी वरीयता सूची जारी की, जिसमें याचिकाकर्ता को बोनस अंक नहीं देकर उसे भर्ती प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया। जिस पर रिट याचिका पेश की गई।
याचिकाकर्ता बोनस अंकों का हकदार
याची के अधिवक्ता खि़लेरी ने बताया कि राजस्थान फार्मेसी कॉउन्सिल में पंजीयन होने का तात्पर्य भी यही है कि फार्मेसी अधिनियम ,1948 के प्रावधानों के तहत भारतीय फार्मेसी काउन्सिल नई दिल्ली से मान्यता प्राप्त अनुमोदित संस्थान से संबंधित अभ्यर्थी ने नियमानुसार फार्मेसी में डिग्री या डिप्लोमा कोर्स उत्तीर्ण किया है और समस्त जांच पड़ताल के बाद ही पंजीयन किया जाता है। ऐसे में उक्त योग्यता के आधार पर नियुक्त सहायक फार्मासिस्ट या फार्मासिस्ट के द्वारा दवाई की दुकान पर दवा वितरण का ही कार्य किया जाता हैं।
अंतिम मेरिट में स्थान बना पाने के बावजूद, चिकित्सा विभाग द्वारा बिना किसी उचित कारण से याची को बोनस अंक से वंचित करना समझ से ही परे हैं। राज्य सरकार एजेंसी द्वारा की गयी उक्त कार्यवाही विधिविरुद्ध और असवैधानिक है। रिट याचिका की अन्तिम सुनवाई के पश्चात न्यायाधिपति रेखा बोराणा ने याचिकाकर्ता को बोनस अंकों का हकदार मानते हुए राज्य सरकार को छह सप्ताह के भीतर भीतर याची को समस्त परिणामिक परिलाभ सहित नियुक्ति देने का अहम फैसला दिया।
(Udaipur Kiran) / सतीश
