
–कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
प्रयागराज, 16 मई (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि किसी भी कर्मचारी के जवाब को असंतोषजनक कहकर अस्वीकार करने का ठोस कारण बताना जरूरी है।
यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की एकलपीठ ने प्रेमपाल की याचिका पर पर दिया है। कोर्ट ने जिला मजिस्ट्रेट, मुरादाबाद के आदेश को रद्द करते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
याची प्रेमपाल जिला खादी ग्रामोद्योग विभाग में कार्यरत था। याची के खिलाफ की गई शिकायत पर कारण बताओ नोटिस जारी की गई। याची ने इस पर अपना जवाब दिया। डीएम के आदेश से जिला ग्रामोद्योग अधिकारी ने रिपोर्ट प्रस्तुत की। रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने याची की वित्तीय और प्रशासनिक शक्तियां छीन ली। याची ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी।
दलील दी कि जिला खादी ग्रामोद्योग अधिकारी से 4 अक्टूबर 2024 को एक रिपोर्ट मांगी गई, जिसकी प्रति याचिकाकर्ता को कभी उपलब्ध नहीं कराई गई। जिला मजिस्ट्रेट के आदेश में याचिकाकर्ता के जवाब पर कोई विचार नहीं किया गया।
कोर्ट ने कहा कि यदि जिला मजिस्ट्रेट किसी जवाब को असंतोषजनक मानते हैं, तो उन्हें ठोस कारण बताने चाहिए और प्रथम दृष्टया यह साबित करना होगा कि संबंधित व्यक्ति वित्तीय गड़बड़ी में शामिल है। कोर्ट ने याचिका विचारणीय माना।
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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे
