
रांची, 16 मई (Udaipur Kiran) । राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि हिमालय की गोद में स्थित सिक्किम अपने प्राकृतिक सौंदर्य और शांत वातावरण के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है। “खुशियों की धरती” के रूप में विख्यात यह राज्य केवल एक भौगोलिक क्षेत्र नहीं बल्कि अपने नागरिकों के अदम्य साहस, जीवंत संस्कृति और अनुकरणीय विकास का प्रतीक है।
राज्यपाल शुक्रवार को राज भवन में आयोजित सिक्किम राज्य स्थापना दिवस कार्यक्रम में झारखंड में निवास कर रहे सिक्किमवासियों को संबोधित कर रहे थे।
राज्यपाल ने कहा कि सिक्किम जैविक कृषि, नवीकरणीय ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में देशभर में एक अनुकरणीय उदाहरण बनकर उभरा है। यह भारत का पहला ऐसा राज्य है, जिसने पूरी तरह से जैविक खेती को अपनाया। इको-टूरिज्म, स्वच्छ ऊर्जा और सतत विकास की अवधारणाओं को व्यवहार में लाकर सिक्किम ने यह सिद्ध किया है कि आधुनिकता और प्रकृति के बीच संतुलन संभव है।
राज्यपाल ने कहा कि पर्यावरण-अनुकूल पर्यटन को बढ़ावा देकर सिक्किम ने न केवल अपनी आर्थिकी को सशक्त किया है बल्कि संपूर्ण भारत के लिए हरित पर्यटन का एक आदर्श प्रस्तुत किया है। राज्यपाल ने यह भी कहा कि सिक्किम अपनी सांस्कृतिक विरासत, पारंपरिक कलाओं और लोक पर्वों को संरक्षण प्रदान करते हुए आधुनिक विकास के मार्ग पर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि वे स्वयं भी सिक्किम का भ्रमण कर चुके हैं।
इस अवसर पर राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव डॉ. नितिन कुलकर्णी ने कहा कि सिक्किम आज राज्य की स्थापना के 50वां वर्षगांठ मना रहा है। यह राज्य आकार में भले छोटा हो, लेकिन हैप्पीनेस में अग्रणी है। जैविक कृषि, नागरिक उत्तरदायित्व और पर्यावरणीय सजगता में सिक्किम अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करता है।
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(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे
