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रोमियो एस थ्री सिर्फ एक थ्रिलर नहीं, एक मिशन है:ठाकुर अनूप सिंह

रोमियो एस थ्री सिर्फ एक थ्रिलर नहीं, एक मिशन है:ठाकुर अनूप सिंह

जयपुर, 16 मई (Udaipur Kiran) । एक्टर अनूप सिंह ने अपनी बॉलीवुड की जर्नी की शुरुआत रोमियो एस थ्री के साथ कर दी है और वह इस मूवी में जांबाज पुलिस ऑफिसर का रोल करते नजर आएंगे और उनके साथ एक्ट्रेस पलक तिवारी के साथ नई केमिस्ट्री दर्शकों को देखने को मिलेगी। अनूप ने इसके पहले टीवी टॉलीवुड इंडस्ट्री में निगेटिव किरदार निभा कर दर्शकों में अपनी एक अलग ही छाप छोड़ चुके हैं आईए जानते हैं अनूप सिंह की से की गई खास बातचीत ।

आपकी फिल्म का नाम रोमियो एस थ्री बहुत ही यूनिक है। इसके पीछे की सोच क्या है?

बिलकुल, रोमियो एस थ्री का टाइटल जानबूझकर थोड़ा हटकर रखा गया है ताकि ऑडियंस को कनेक्शन और क्यूरियोसिटी दोनों मिलें। यहां ‘रोमियो’ सिर्फ लविंग कैरेक्टर नहीं है, बल्कि एक कोडनेम है – एक अंडरकवर ऑपरेशन का। वहीं ‘एस थ्री’ का मतलब है डीएसपी संग्राम सिंह शेखावत, जो मेरा किरदार है। यह एक सस्पेंस थ्रिलर है जहां लव और लॉ दोनों की जर्नी साथ चलती है।

आपने इस फिल्म में ड्यूल कैरेक्टर निभाया है। उनके बारे में थोड़ा बताएं?

इस फिल्म ने मुझे दो अलग-अलग शेड्स निभाने का मौका दिया। एक तरफ है रोमांटिक, फ्रेंडली, लविंग रोमियो – और दूसरी तरफ है स्ट्रॉन्ग, निडर, कड़क डीएसपी संग्राम सिंह। दोनों ही किरदार दर्शकों को अलग-अलग अनुभव देंगे, और मुझे बतौर एक्टर यह रोल बेहद चैलेंजिंग और संतोषजनक लगा।

क्या फिल्म सिर्फ ‘रोमियो’ कैरेक्टर पर आधारित है या कोई बड़ा मुद्दा भी है?

फिल्म सिर्फ रोमियो कैरेक्टर तक सीमित नहीं है। इसमें आज के समय के एक गंभीर विषय – ड्रग्स के बढ़ते उपयोग – को दर्शाया गया है, खासकर जेन-जी और यंगस्टर्स के बीच। फिल्म दिखाती है कि कैसे एक अकेला पुलिस ऑफिसर इस पूरे रैकेट को सुलझाने निकलता है और देश के भविष्य को बचाने की कोशिश करता है। यह फिल्म भारतीय पुलिस को सेलिब्रेट करती है – उनकी बहादुरी, समर्पण और देशभक्ति को।

एक विलन से हीरो बनने की आपकी यात्रा को आप कैसे देखते हैं?

ये मेरे लिए गर्व की बात है। हमारे देश में कई अभिनेता जैसे शत्रुघ्न सिन्हा, शाहरुख खान भी निगेटिव रोल से शुरू कर हीरो बने। असल बात है डेडिकेशन, मेहनत और इमानदारी। मुझे इस मुकाम तक आने में 10 साल लगे। अगर मैंने उस वक़्त एक्टिंग की शुरुआत नहीं की होती, तो शायद आज मुझे ‘रोमियो एस थ्री’ जैसा किरदार नहीं मिलता।

आपने ‘छत्रपति साम्राज्य महाराज’ का भी किरदार निभाया है। वह अनुभव कैसा रहा?

इतिहास पर आधारित किरदार निभाना बहुत ज़िम्मेदारी भरा होता है। ‘छत्रपति साम्राज्य महाराज’ के रोल के लिए मुझे शुद्ध मराठी सीखनी पड़ी। यह रोल शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से बहुत चुनौतीपूर्ण था। हमारा इतिहास कई बार दबा दिया जाता है, और ऐसे किरदार निभाकर उसे जीवंत करना मेरे लिए सम्मान की बात रही।

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(Udaipur Kiran)

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