Uttar Pradesh

जल जीवन मिशन : योजना की गुणवत्ता को लेकर मुख्यमंत्री सख्त

मुख्यमंत्री योगी

जल जीवन मिशन से जुड़े 183 अफसरों-कर्मियों पर एक्शन

122 अफसरों पर अनुशासनिक जांच, 55 को प्रतिकूल प्रविष्टि और छह का किया गया निलंबन

लखनऊ, 16 मई (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जल जीवन मिशन के तहत निर्माणाधीन पाइप पेयजल योजनाओं की गुणवत्ता और समयबद्धता को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है। सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत अब तक 183 अफसरों-कर्मचारियों पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है। इनमें से 122 अधिकारियों पर जांच बैठाई गई है और 55 को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है, जबकि छह को निलंबित कर दिया गया है।

जल जीवन मिशन के कार्यों की गुणवत्ता को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरी तरह से गंभीर हैं। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि योजनाओं में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मिशन के अंतर्गत कार्यों की नियमित निगरानी और मूल्यांकन के आधार पर दोषी पाए गए अधिकारियों और कर्मचारियों पर एक्शन लिया जा रहा है।

राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत सबसे अधिक कार्रवाई अधिशासी अभियंताओं पर की गई है। अभी तक कुल सात मुख्य अभियंताओं पर अनुशासनिक जांच बैठाई गई, जबकि चार को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है। इसके अलावा पांच अधीक्षण अभियंताओं पर जांच और सात को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है। 59 अधिशासी अभियंताओं पर जांच बैठाई गई है, तो 44 को प्रतिकूल प्रविष्टि देकर चार को निलंबित किया गया है। इसके साथ ही 32 सहायक अभियंताओं पर जांच बैठाकर दाे का निलंबन किया गया है। वहीं, 19 अवर अभियंताओं की अनुशासनिक जांच की गई है। इस तरह लापरवाही बरतने वाले कुल 122 अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनिक जांच, 55 को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई और छह का निलंबन किया गया है।

मुख्यमंत्री का स्पष्ट संदेश, लापरवाही पर बख्शा नहीं जाएगा

उन्हाेंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में जल जीवन मिशन के अंतर्गत उत्तर प्रदेश की उपलब्धियां उल्लेखनीय हैं। उत्तर प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है, जिसने जल जीवन मिशन के तहत सबसे अधिक नल कनेक्शन उपलब्ध कराए हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया है कि विकास योजनाओं में लापरवाही बरतने वालों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। योगी सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश के हर घर तक समय पर और गुणवत्ता युक्त शुद्ध पेयजल पहुंचे। इस दिशा में राज्य सरकार पूरी पारदर्शिता और प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।——————-

(Udaipur Kiran) / दिलीप शुक्ला

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जल जीवन मिशन : योजना की गुणवत्ता को लेकर मुख्यमंत्री सख्त

मुख्यमंत्री योगी

जल जीवन मिशन से जुड़े 183 अफसरों-कर्मियों पर एक्शन

122 अफसरों पर अनुशासनिक जांच, 55 को प्रतिकूल प्रविष्टि और छह का किया गया निलंबन

लखनऊ, 16 मई (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जल जीवन मिशन के तहत निर्माणाधीन पाइप पेयजल योजनाओं की गुणवत्ता और समयबद्धता को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है। सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत अब तक 183 अफसरों-कर्मचारियों पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है। इनमें से 122 अधिकारियों पर जांच बैठाई गई है और 55 को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है, जबकि छह को निलंबित कर दिया गया है।

जल जीवन मिशन के कार्यों की गुणवत्ता को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरी तरह से गंभीर हैं। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि योजनाओं में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मिशन के अंतर्गत कार्यों की नियमित निगरानी और मूल्यांकन के आधार पर दोषी पाए गए अधिकारियों और कर्मचारियों पर एक्शन लिया जा रहा है।

राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत सबसे अधिक कार्रवाई अधिशासी अभियंताओं पर की गई है। अभी तक कुल सात मुख्य अभियंताओं पर अनुशासनिक जांच बैठाई गई, जबकि चार को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है। इसके अलावा पांच अधीक्षण अभियंताओं पर जांच और सात को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है। 59 अधिशासी अभियंताओं पर जांच बैठाई गई है, तो 44 को प्रतिकूल प्रविष्टि देकर चार को निलंबित किया गया है। इसके साथ ही 32 सहायक अभियंताओं पर जांच बैठाकर दाे का निलंबन किया गया है। वहीं, 19 अवर अभियंताओं की अनुशासनिक जांच की गई है। इस तरह लापरवाही बरतने वाले कुल 122 अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनिक जांच, 55 को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई और छह का निलंबन किया गया है।

मुख्यमंत्री का स्पष्ट संदेश, लापरवाही पर बख्शा नहीं जाएगा

उन्हाेंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में जल जीवन मिशन के अंतर्गत उत्तर प्रदेश की उपलब्धियां उल्लेखनीय हैं। उत्तर प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है, जिसने जल जीवन मिशन के तहत सबसे अधिक नल कनेक्शन उपलब्ध कराए हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया है कि विकास योजनाओं में लापरवाही बरतने वालों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। योगी सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश के हर घर तक समय पर और गुणवत्ता युक्त शुद्ध पेयजल पहुंचे। इस दिशा में राज्य सरकार पूरी पारदर्शिता और प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।——————-

(Udaipur Kiran) / दिलीप शुक्ला

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जल जीवन मिशन : योजना की गुणवत्ता को लेकर मुख्यमंत्री सख्त

मुख्यमंत्री योगी

जल जीवन मिशन से जुड़े 183 अफसरों-कर्मियों पर एक्शन

122 अफसरों पर अनुशासनिक जांच, 55 को प्रतिकूल प्रविष्टि और छह का किया गया निलंबन

लखनऊ, 16 मई (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जल जीवन मिशन के तहत निर्माणाधीन पाइप पेयजल योजनाओं की गुणवत्ता और समयबद्धता को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है। सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत अब तक 183 अफसरों-कर्मचारियों पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है। इनमें से 122 अधिकारियों पर जांच बैठाई गई है और 55 को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है, जबकि छह को निलंबित कर दिया गया है।

जल जीवन मिशन के कार्यों की गुणवत्ता को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरी तरह से गंभीर हैं। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि योजनाओं में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मिशन के अंतर्गत कार्यों की नियमित निगरानी और मूल्यांकन के आधार पर दोषी पाए गए अधिकारियों और कर्मचारियों पर एक्शन लिया जा रहा है।

राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत सबसे अधिक कार्रवाई अधिशासी अभियंताओं पर की गई है। अभी तक कुल सात मुख्य अभियंताओं पर अनुशासनिक जांच बैठाई गई, जबकि चार को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है। इसके अलावा पांच अधीक्षण अभियंताओं पर जांच और सात को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है। 59 अधिशासी अभियंताओं पर जांच बैठाई गई है, तो 44 को प्रतिकूल प्रविष्टि देकर चार को निलंबित किया गया है। इसके साथ ही 32 सहायक अभियंताओं पर जांच बैठाकर दाे का निलंबन किया गया है। वहीं, 19 अवर अभियंताओं की अनुशासनिक जांच की गई है। इस तरह लापरवाही बरतने वाले कुल 122 अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनिक जांच, 55 को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई और छह का निलंबन किया गया है।

मुख्यमंत्री का स्पष्ट संदेश, लापरवाही पर बख्शा नहीं जाएगा

उन्हाेंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में जल जीवन मिशन के अंतर्गत उत्तर प्रदेश की उपलब्धियां उल्लेखनीय हैं। उत्तर प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है, जिसने जल जीवन मिशन के तहत सबसे अधिक नल कनेक्शन उपलब्ध कराए हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया है कि विकास योजनाओं में लापरवाही बरतने वालों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। योगी सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश के हर घर तक समय पर और गुणवत्ता युक्त शुद्ध पेयजल पहुंचे। इस दिशा में राज्य सरकार पूरी पारदर्शिता और प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।——————-

(Udaipur Kiran) / दिलीप शुक्ला

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जल जीवन मिशन : योजना की गुणवत्ता को लेकर मुख्यमंत्री सख्त

मुख्यमंत्री योगी

जल जीवन मिशन से जुड़े 183 अफसरों-कर्मियों पर एक्शन

122 अफसरों पर अनुशासनिक जांच, 55 को प्रतिकूल प्रविष्टि और छह का किया गया निलंबन

लखनऊ, 16 मई (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जल जीवन मिशन के तहत निर्माणाधीन पाइप पेयजल योजनाओं की गुणवत्ता और समयबद्धता को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है। सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत अब तक 183 अफसरों-कर्मचारियों पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है। इनमें से 122 अधिकारियों पर जांच बैठाई गई है और 55 को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है, जबकि छह को निलंबित कर दिया गया है।

जल जीवन मिशन के कार्यों की गुणवत्ता को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरी तरह से गंभीर हैं। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि योजनाओं में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मिशन के अंतर्गत कार्यों की नियमित निगरानी और मूल्यांकन के आधार पर दोषी पाए गए अधिकारियों और कर्मचारियों पर एक्शन लिया जा रहा है।

राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत सबसे अधिक कार्रवाई अधिशासी अभियंताओं पर की गई है। अभी तक कुल सात मुख्य अभियंताओं पर अनुशासनिक जांच बैठाई गई, जबकि चार को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है। इसके अलावा पांच अधीक्षण अभियंताओं पर जांच और सात को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है। 59 अधिशासी अभियंताओं पर जांच बैठाई गई है, तो 44 को प्रतिकूल प्रविष्टि देकर चार को निलंबित किया गया है। इसके साथ ही 32 सहायक अभियंताओं पर जांच बैठाकर दाे का निलंबन किया गया है। वहीं, 19 अवर अभियंताओं की अनुशासनिक जांच की गई है। इस तरह लापरवाही बरतने वाले कुल 122 अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनिक जांच, 55 को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई और छह का निलंबन किया गया है।

मुख्यमंत्री का स्पष्ट संदेश, लापरवाही पर बख्शा नहीं जाएगा

उन्हाेंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में जल जीवन मिशन के अंतर्गत उत्तर प्रदेश की उपलब्धियां उल्लेखनीय हैं। उत्तर प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है, जिसने जल जीवन मिशन के तहत सबसे अधिक नल कनेक्शन उपलब्ध कराए हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया है कि विकास योजनाओं में लापरवाही बरतने वालों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। योगी सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश के हर घर तक समय पर और गुणवत्ता युक्त शुद्ध पेयजल पहुंचे। इस दिशा में राज्य सरकार पूरी पारदर्शिता और प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।——————-

(Udaipur Kiran) / दिलीप शुक्ला

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जल जीवन मिशन : योजना की गुणवत्ता को लेकर मुख्यमंत्री सख्त

मुख्यमंत्री योगी

जल जीवन मिशन से जुड़े 183 अफसरों-कर्मियों पर एक्शन

122 अफसरों पर अनुशासनिक जांच, 55 को प्रतिकूल प्रविष्टि और छह का किया गया निलंबन

लखनऊ, 16 मई (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जल जीवन मिशन के तहत निर्माणाधीन पाइप पेयजल योजनाओं की गुणवत्ता और समयबद्धता को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है। सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत अब तक 183 अफसरों-कर्मचारियों पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है। इनमें से 122 अधिकारियों पर जांच बैठाई गई है और 55 को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है, जबकि छह को निलंबित कर दिया गया है।

जल जीवन मिशन के कार्यों की गुणवत्ता को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरी तरह से गंभीर हैं। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि योजनाओं में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मिशन के अंतर्गत कार्यों की नियमित निगरानी और मूल्यांकन के आधार पर दोषी पाए गए अधिकारियों और कर्मचारियों पर एक्शन लिया जा रहा है।

राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत सबसे अधिक कार्रवाई अधिशासी अभियंताओं पर की गई है। अभी तक कुल सात मुख्य अभियंताओं पर अनुशासनिक जांच बैठाई गई, जबकि चार को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है। इसके अलावा पांच अधीक्षण अभियंताओं पर जांच और सात को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है। 59 अधिशासी अभियंताओं पर जांच बैठाई गई है, तो 44 को प्रतिकूल प्रविष्टि देकर चार को निलंबित किया गया है। इसके साथ ही 32 सहायक अभियंताओं पर जांच बैठाकर दाे का निलंबन किया गया है। वहीं, 19 अवर अभियंताओं की अनुशासनिक जांच की गई है। इस तरह लापरवाही बरतने वाले कुल 122 अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनिक जांच, 55 को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई और छह का निलंबन किया गया है।

मुख्यमंत्री का स्पष्ट संदेश, लापरवाही पर बख्शा नहीं जाएगा

उन्हाेंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में जल जीवन मिशन के अंतर्गत उत्तर प्रदेश की उपलब्धियां उल्लेखनीय हैं। उत्तर प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है, जिसने जल जीवन मिशन के तहत सबसे अधिक नल कनेक्शन उपलब्ध कराए हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया है कि विकास योजनाओं में लापरवाही बरतने वालों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। योगी सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश के हर घर तक समय पर और गुणवत्ता युक्त शुद्ध पेयजल पहुंचे। इस दिशा में राज्य सरकार पूरी पारदर्शिता और प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।——————-

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