
झज्जर, 16 मई (Udaipur Kiran) । बहादुरगढ़ के सेक्टर 17 स्थित एक नामी कंपनी की फैक्टरी में लंगूर बंदर को बंधक बनाकर रखने का मामला सामने आया है। इस घटना की वीडियो भी इंटरनेट मीडिया पर वायरल है। मामले से जीवप्रेमी आहत हैं। एक जीव प्रेमी अधिवक्ता की ओर से इस संबंध में हरियाणा के मुख्य मंत्री और वन विभाग व अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को एक्स पर शिकायत कर कार्रवाई करने की मांग उठाई है। शिकायत पर संज्ञान लेते हुए संबंधित विभाग ने भी जांच शुरू कर दी है।
गुरुवार की रात को ही जांच टीम ने कंपनी परिसर में दस्तक दे दी थी। इसके बाद शुक्रवार की सुबह भी टीम जांच करने आई। अधिकारियों की मानें तो कंपनी परिसर में लंगूर नजर नहीं आया। जिस वीडियो में लंगूर दिखाई दे रहा है, वह भी कुछ महीने पुराना बताया रहा है। यदि टीम की सूचना से पूर्व लंगूर को इधर-उधर किया है तो इस शंका को देखते हुए 48 घंटे की सीसीटीवी फुटेज कंपनी से ली गई है। उधर, जीव प्रेमियों का कहना है कि एचएसआईआईडीसी सेक्टर में मौजूद कई फैक्ट्रियों में लंगूर होने की संभावना है। दरअसल, यहां बंदरों की संख्या अधिक है और उन्हें भगाने के लिए लंगूर हायर किए जा रहे हैं।
एडवोकेट नवीन सिंगल और जीव प्रेमी मंजीत सहरात ने कहा कि एक जीव को भगाने के लिए दूसरे जीव को बंधक बनाकर रखना गैरकानूनी और अमानवीय है। यदि बंदरों से तकलीफ है तो किसी एजेंसी के जरिए उन्हें सुरक्षित तरीके से पकड़कर जंगल में छोड़ा जाए। संबंधित विभाग औद्योगिक संस्थाएं ये व्यवस्था कर सकती हैं। इस तरह लंगूरों को कैद करना ठीक नहीं है। यदि वीडियो पुरानी भी है तो, घटना तो हुई ही है। अधिकारियों को यह भी पता लगाना चाहिए कि लंगूरों को गैर कानूनी ढंग से लाकर कौन उपलब्ध करा रहा है। साथ ही औद्योगिक क्षेत्र में रेस्क्यू अभियान चलाया जाए।
झज्जर के वन्य प्राणी निरीक्षक राजेश कुमार ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में आया है। गुरुवार की शाम को टीम मौके पर भेज दी गई थी। शुक्रवार को भी टीम जांच करने पहुंची लेकिन लंगूर बंद नहीं मिला। मामले को गंभीरता से लेते हुए दो दिन की सीसीटीवी फुटेज ली गई है। यदि कुछ गैर कानूनी मिलता है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। वहीं, कई और कंपनियों में जांच अभियान चलाया जाएगा। यदि कहीं लंगूर मिलते हैं तो रेस्क्यू किए जाएंगे।
(Udaipur Kiran) / शील भारद्वाज
