
आतंकवाद के विरुद्ध भारत की नीति को बताया निर्णायक
जयपुर, 15 मई (Udaipur Kiran) । उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भारतीय सेना के अद्वितीय शौर्य और वैश्विक प्रभाव की सराहना करते हुए कहा कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ एक नई कार्यशैली अपनाई है, जो पूरी दुनिया के लिए उदाहरण बन चुकी है। उन्होंने कहा कि भारत ने शांति को प्राथमिकता दी है लेकिन जब आवश्यकता पड़ी, तो सीमाओं के भीतर घुसकर जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के ठिकानों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया गया। यह कदम भारत की सैन्य शक्ति और रणनीतिक परिपक्वता को दर्शाता है।
उपराष्ट्रपति धनखड़ बुधवार को जयपुर में भैरों सिंह शेखावत स्मारक पुस्तकालय के उद्घाटन और श्रद्धाजंलि सभा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत ने न केवल सैन्य क्षेत्र में बल्कि कूटनीति के क्षेत्र में भी बड़ी सफलताएं अर्जित की हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ‘इंडस वॉटर ट्रीटी’ को लेकर लिए गए सख्त रुख को एक ऐतिहासिक निर्णय बताया और कहा कि जब तक परिस्थितियां भारत के अनुकूल नहीं होतीं, तब तक इस पर पुनर्विचार नहीं होगा। उन्होंने कहा कि भारत अब आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करेगा, क्योंकि यह केवल किसी एक देश की नहीं, बल्कि वैश्विक चिंता का विषय है।
उपराष्ट्रपति ने पोखरण-2 परमाणु परीक्षण का उल्लेख करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरोसिंह शेखावत को याद किया। उन्होंने कहा कि मई माह में राजस्थान की धरती पर किया गया यह परीक्षण भारत की सामरिक शक्ति का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में हमने बहुत बड़ी छलांग लगाई, आज हम विश्व की चौथी महाशक्ति हैं। तीसरी महाशक्ति बनने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री को जब लगा कि भारत की अस्मिता को ललकारा गया है उन्होंने बिहार की भूमि से दुनिया को संदेश दिया और उस संदेश पर पूरी तरह खरे उतरे।
उपराष्ट्रपति ने राजस्थान की वीरभूमि को नमन करते हुए महाराणा प्रताप और महाराजा सूरजमल जैसे महान योद्धाओं को श्रद्धांजलि दी, जिनके बलिदान से देश की अस्मिता सुरक्षित रही।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि मैंने कभी सोचा नहीं था कि मैं उस पद तक पहुंचूंगा, जहां एक समय भैरों सिंह जी विराजमान थे। उन्होंने ही मेरा मार्गदर्शन किया, मेरा हाथ थामा और राजनीति में प्रवेश कराया। मैं उनके द्वारा बोए गए उस वटवृक्ष का एक छोटा-सा पत्ता हूं।
इस अवसर पर उन्होंने भैरो सिंह शेखावत स्मृति पुस्तकालय का लोकार्पण करते हुए भारत के संविधान की हिंदी और अंग्रेजी में आधिकारिक प्रतिलिपियां भेंट कीं। इसके साथ ही संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर जारी विशेष पुस्तकों और स्मृति सिक्के को भी पुस्तकालय को समर्पित किया गया। इससे पहले भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति और तीन बार राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे स्वर्गीय भैरों सिंह शेखावत की जयंती पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में देश के वर्तमान उपराष्ट्रपति ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने शेखावत के महान योगदानों को याद करते हुए कहा कि वे राजनीति के अजातशत्रु थे और आमजन के सच्चे प्रतिनिधि थे।
कार्यक्रम में कई पूर्व मंत्री, विधायक, समाजसेवी और शेखावत के परिजन भी उपस्थित रहे। अंत में उपराष्ट्रपति ने राष्ट्रवाद और जनसेवा की भावना को सर्वोपरि बताते हुए कहा कि हम भारतीय हैं, राष्ट्र हमारी पहचान है और राष्ट्रहित से ऊपर कुछ नहीं।
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(Udaipur Kiran)
