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राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर, बम धमकियों से हड़कंप, पर्यटन व उड़ानें प्रभावित

बारां कलक्ट्रेट।

जयपुर, 15 मई (Udaipur Kiran) । भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का सीधा असर राजस्थान पर नजर आ रहा है। राज्य के सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह अलर्ट पर हैं और कई जिलों में बम धमकी की घटनाओं से अफरा-तफरी मची हुई है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और खेल परिषद के अध्यक्ष नीरज के. पवन को जान से मारने की धमकी मिली है। मेल में लिखा गया है कि रेप पीड़िता के मामले में अगर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की तो सीएम को मार दिया जाएगा। वहीं नीरज पवन को धमकी दी गई है कि उनके टुकड़े कर काले सूटकेस में पैक कर देंगे।

जयपुर स्थित सवाई मानसिंह (एसएमएस) स्टेडियम को तीसरे दिन भी बम से उड़ाने की धमकी मिली है। अज्ञात व्यक्ति ने खेल परिषद की ईमेल आईडी पर मेल भेजा जिसमें लिखा गया कि पुलिस ने विस्फोटक की पहचान कर ली है, लेकिन इस धमकी को हल्के में न लिया जाए।

इसके अलावा बारां, अलवर और प्रतापगढ़ जिलों के कलेक्ट्रेट और मिनी सचिवालय को भी बम से उड़ाने की धमकियां मिलीं है। अलवर में दूसरी बार ऐसी धमकी मिली है। ईमेल में लिखा गया कि मिनी सचिवालय में अमोनियम नाइट्रेट फास्फेट लगाया गया है जिसे दोपहर से पहले विस्फोट कर उड़ा दिया जाएगा। हालांकि जांच में कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली है।

धमकियों के बाद संबंधित परिसरों को खाली करवाया गया। बम निरोधक दस्ते, डॉग स्क्वायड और एफएसएल की टीमों ने सघन जांच की। एहतियात के तौर पर कर्मचारियों को दफ्तर न आने की सलाह दी गई है।

बीकानेर के सीमावर्ती गांवों में पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन हमलों की घटनाएं बढ़ने के कारण ग्रामीणों को ड्रोन की आवाज और गतिविधियों को पहचानने की ट्रेनिंग दी जा रही है। बीएसएफ के डिप्टी कमांडेंट (इंटेलिजेंस) महेश चंद्र जाट ने बताया कि 12 गांवों में लोगों को ड्रोन दिखने पर क्या करना है, इसकी जानकारी दी गई है।

पाकिस्तान ने सीमा से सटे इलाकों में अपने मोबाइल टावर की रेंज बढ़ा दी है, जिससे भारतीय इलाके में पाकिस्तानी नेटवर्क आ रहा है। इससे जासूसी का खतरा बढ़ गया है। इसी कारण श्रीगंगानगर और जैसलमेर में पाकिस्तानी सिम के इस्तेमाल पर सख्त प्रतिबंध लगाया गया है।

श्रीगंगानगर जिले के अनूपगढ़ क्षेत्र में गांव 12-ए के खेत में गुरुवार सुबह ग्रामीणों को एक बड़ा ड्रोन गिरा हुआ मिला। इसकी लंबाई करीब सात फीट थी और उसमें लगा कैमरा टूटकर अलग गिरा हुआ था। बीएसएफ और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू की।

जैसलमेर में ड्रोन हमले के बाद वहां के गोडावण ब्रीडिंग सेंटर से नौ नन्हे गोडावण चूजों को अजमेर स्थित वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट भेजा गया है। राज्य पक्षी गोडावण की सुरक्षा के लिए यह कदम उठाया गया है।

भारत-पाकिस्तान तनाव के चलते जयपुर से चंडीगढ़ की तीन उड़ानें सात मई को बंद कर दी गई थीं, जिन्हें अब फिर से शुरू कर दिया गया है। कुल्लू और गाजियाबाद की उड़ानें भी बहाल कर दी गई हैं। जोधपुर एयरपोर्ट पर भी उड़ानों का संचालन सामान्य हो गया है।

हालांकि जैसलमेर सहित सीमावर्ती क्षेत्रों का एयरस्पेस अभी भी खाली है और घरेलू उड़ानों की संख्या कम बनी हुई है।

जैसलमेर के सम और कुलधरा जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की संख्या लगभग शून्य हो गई है। होटल, टैक्सी चालक, ऊंट मालिक और अन्य जुड़े लोग रोजगार की मार झेल रहे हैं। गर्मियों के सीजन में होने वाली बड़ी बुकिंग्स रद्द हो गई हैं। कई होटल मालिकों ने अपने स्टाफ को छुट्टी दे दी है।

गृह मंत्रालय ने राजस्थान के सरहदी जिलों के अलावा राज्य के पांच अन्य जिलों को हवाई हमले के लिहाज से संवेदनशील माना है। हालांकि इन जिलों के नाम अभी सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। सुरक्षा एजेंसियों को पूरी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।

राज्य सरकार और सुरक्षा एजेंसियों ने आम नागरिकों से किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत प्रशासन को देने की अपील की है। जयपुर में आज सेना के सम्मान में तिरंगा यात्रा भी निकाली गई, जिसमें मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सहित कई नेता पहुंचे।

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(Udaipur Kiran) / रोहित

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