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करेंगुट्टा मुठभेड़ में 1 करोड़ 72 लाख के इनामी 31 नक्सली मारे गए, 35 राइफल, 450 आईईडी और 12 हजार किलो राशन बरामद

सीआरपीएफ के डीजी एवं छत्तीसगढ़ के डीजीपी की संयुक्त  प्रेस वार्ता

-तेलंगाना सीमा के करेंगुट्टा पहाड़ी पर नक्सलियों से 21 बार हुई मुठभेड़, 18 जवान घायल, 28 नक्सलियों की पहचान

बीजापुर, 14 मई (Udaipur Kiran) । छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के तेलंगाना सीमा के करेंगुट्टा पहाड़ी पर नक्सलियों के खिलाफ 21 दिनों तक चले नक्सल विराेधी अभियान को लेकर सीआरपीएफ के डीजी एवं छत्तीसगढ़ के डीजीपी अरुण देव गौतम ने बुधवार को संयुक्त रूप से प्रेसवार्ता की। डीजीपी अरुण देव ने बताया कि इस ऑपरेशन में 17 महिला नक्सली और 14 पुरुष नक्सली सहित कुल 31 नक्सली मारे गए हैं। मारे गए नक्सलियों पर एक करोड़ 72 लाख रुपयों का इनाम था। सुरक्षाबल के जवानों ने हथियार बनाने की चार फैक्टरियां और नक्सल अस्पताल को भी ध्वस्त किया है।

डीजीपी गौतम ने बताया कि नक्सलियों ने बड़े कैडर के इलाज के लिए किला बनाकर रखा था, उसे ध्वस्त किया गया। करेंगुट्टा की पहाड़ी से 35 राइफल और 450 आईईडी बरामद किए गए हैं। उन्हाेंने बताया कि नक्सलियों ने पहाड़ियों पर दो वर्षों तक के लिए राशन जमा कर रखा था। लगभग 12 हजार किलो राशन बरामद किया गया। इस अभियान के दाैरान नक्सलियों के 216 बंकर और ठिकाने नष्ट किए गए हैं। इस अभियान में नक्सलियों के साथ 21 बार मुठभेड़ हुई। इस नक्सल विराेधी अभियान में 18 जवान घायल हुए हैं। उन्होंने बताया कि जवानों ने कई चुनौतियों का सामना करते हुए इसपर सफलता पाई है। भौगोलिक चुनौतियां भी थी क्योंकि दिन में 45 डिग्री तापमान और रात में ठंड का सामना करना पड़ता था। हमारे कई जवान डिहाइड्रेड भी हुए, जिन्हें बेस कैंप लाया गया। अंततः जवानों ने कामयाबी पाई।

डीजीपी अरुण देव गौतम ने बताया कि करेंगुट्टा पहाड़ी पर नक्सलियों के बेस की जानकारी मिलने के बाद 24 घंटे तक इसका संपूर्ण अध्ययन किया गया। इसके बाद जवानों को जानकारी दी गई, फिर हिल्स टॉप पर बेस बनाया गया। नक्सल विराेधी अभियान शुरू किया गया। पहाड़ी पर चढ़ने, उतरने, रास्ते पर लगाई गई आईईडी को निष्क्रिय किया गया। नक्सलियों को आभास नहीं था कि 450 आईईडी को लांघकर कोई हम तक पहुंच सकेगा लेकिन हमारे सुरक्षाबलाें के जवानाें ने कर दिखाया। अजेय किला तक नहीं पहुंच सकने का नक्सलियों को आत्मविश्वास था, जिसे जवानों ने तोड़ दिया।

डीजीपी ने बताया कि वर्ष 2025 के चार महीने में राज्य में कुल 174 हार्डकोर नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं। भविष्य में भी नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आमजनों का विश्वास अर्जित करने एवं क्षेत्र के विकास के साथ ही नक्सलियों के समय-सीमा में समूल उन्मूलन के लिए आक्रामक कार्यवाही जारी रखी जाएगी।

बीजापुर के एसपी जितेंद्र यादव ने बताया कि जिले के नक्सल प्रभावित इलाके में सुरक्षा बलों की पकड़ मजबूत हुई है। जांच के लिए विशेष टीम गठित की गई है। एनआईए-एसआईए की भी मदद ली जा रही है। नक्सलियों के खिलाफ 17 मामले दर्ज किए गए हैं। मारे गये 28 नक्सलियों की पहचान हो गई है, बाकी बचे 3 नक्सलियाें की जानकारी जुटाई जा रही है। मुठभेड़ स्थल से बरामद शव नक्सलियाें के पीएलजीए बटालियन नंबर 1, तेलंगाना राज्य समिति, दंडकारण्य विशेष जोनल समिति के नक्सली कैडर्स के हैं, शवों की विस्तृत पहचान प्रक्रिया जारी है। लगातार 21 दिनों तक चलने वाले इस ऐतिहासिक नक्सल विरोधी अभियान के दौरान प्राप्त सभी तथ्यों और जानकारियों पर विचार करने के पश्चात अनुमान है कि अभियान के दौरान कई बड़े कैडर के नक्सली या तो मारे गए हैं अथवा गंभीर रूप से घायल हुए हैं। हालांकि कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण सुरक्षा बल सभी घायल अथवा मारे गए नक्सलियों के शव बरामद नहीं कर पाए।

अधिकारियों ने जानकारी दी कि अब तक इस अभियान के दौरान कुल 31 नक्सलियों के शव बरामद किए जा सके हैं, जिनमें से 3 शव दिनांक 24 अप्रैल, 1 शव 5 मई को, 22 शव 7 मई को, तथा 5 शव 8 मई को बरामद किए गए हैं। इस अभियान में अब तक कुल 216 नक्सली ठिकाने और बंकर नष्ट किए गए। उपरोक्त नक्सली ठिकाने और बंकर से तलाशी अभियानों के दौरान कुल 450 नग आईईडी, 818 नग बीजीएल शेल, 899 बंडल कार्डेक्स, डेटोनेटर एवं भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्रियां बरामद किए गए हैं।

उल्लेखनीय है कि नक्सलियों के सेंट्रल कमेटी सदस्य और प्रवक्ता अभय ने एक पर्चा जारी कर करेंगुट्टा पहाड़ी पर अपने 26 नक्सलियाें के मारे जाने की बात स्वीकार किया है।

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(Udaipur Kiran) / राकेश पांडे

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