Haryana

हिसार :राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में बेहतर प्रदर्शन के लिए हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस तैयार :नरसी राम बिश्नोई

कार्यशाला में उपस्थित अतिथिगण एवं प्रतिभागी।

हिसार, 14 मई (Udaipur Kiran) । गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में स्थित हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस (एचएसबी) नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रेडिटेशन (एनबीए) की मान्यता को प्राप्त करने के लिए पुन: तैयारी कर रहा है। इस संबंध में सभी शिक्षकों के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने बुधवार काे बताया कि आज का युग शैक्षणिक प्रतिस्पर्धा का युग है, जिसमें सभी बिजनेस स्कूलों को अपने शैक्षणिक एवं शोध मापदंडों को नियमित रूप से बेहतर करने की आवश्यकता है। इसी कड़ी में एचएसबी की राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय रैंकिंग बेहतर करने के योजनाबद्ध प्रयास के लिए उन्होंने इस कार्यशाला के सफल आयोजन के लिए टीम एचएसबी को शुभकामनाएं दी।कार्यशाला में मुख्य वक्ता डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. योगेश चाबा ने बताया कि किसी भी शैक्षणिक पाठ्यक्रम उद्देश्यों का निर्धारण करके और उन उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए गहन शिक्षण-प्रणाली व परीक्षा प्रणाली के साथ-साथ व्यक्तित्व विकास एवं संचार कौशल, इत्यादि पर पूर्ण दार्शनिकता के साथ कार्य करने की आवश्यकता है क्योंकि, किसी भी शैक्षणिक पाठ्यक्रम में विभिन्न विषय पढ़ाए जाते हैं। उन सभी विषयों को पढ़ाने के भी उद्देश्यों का निर्धारण किया जाना एवं नियमित अंतराल अंतराल के बाद पुनर्निधारण किया जाना भी अवश्यक है। इस अवसर पर एचएसबी के निदेशक प्रो. विनोद कुमार बिश्नोई एवं अधिष्ठाता प्रो. कर्मपाल नरवाल ने मुख्य वक्ता का अभिवादन करते हुए इस बात को उल्लेखित किया कि हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस देश के शीर्ष प्रतिष्ठित बिजनेस स्कूलों में शामिल है और इस शैक्षणिक प्रतिष्ठा में और समृद्धि करने के लिए टीम एचएसबी लगातार प्रयासरत है। इसी कड़ी में एनबीए की प्रमाणिकता हासिल करने के प्रयास शुरू किए गए हैं, जो कि अगले तीन से छह वर्षों के लिए हासिल किया जाना योजनाबद्ध है। कार्यशाला की संयोजिका प्रो. दीपा मंगला ने बताया कि एचएसबी का एमबीए कार्यक्रम पहले से ही तीन वर्ष के लिए एनबीए द्वारा सूचीबद्ध किया गया है। अत: भविष्य में इस क्रम को और बेहतर करने के प्रयासों के मद्देनजर इस कार्यशाला का आयोजन अत्यंत आवश्यक एवं उपयोगी है। उन्होंने बताया कि कार्यशाला में 60 प्रतिभागियों ने भाग लिया और विभिन्न विषयों पर जिज्ञासापूर्वक अनेक प्रश्न खड़े करते हुए उनके वांच्छित उत्तर तलाश करने के लिए सभी प्रतिभागियों को प्रेरित भी किया।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर

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