शिमला, 14 मई (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य के छह मेडिकल कॉलेजों में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इस कड़ी में हमीरपुर स्थित डॉ. राधाकृष्णन राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय में नेफ्रोलॉजी, न्यूरोलॉजी और गेस्ट्रोएंट्रोलॉजी जैसे तीन नए विभाग खोले जाएंगे। इन विभागों के संचालन के लिए सरकार ने 118 नए पद सृजित करने की मंजूरी भी दे दी है।
इन विभागों के शुरू होने से न केवल हमीरपुर, बल्कि मंडी, ऊना, बिलासपुर और कांगड़ा जिलों के मरीजों को भी गंभीर बीमारियों का इलाज पास में ही मिल सकेगा। अभी तक किडनी, नसों और पाचन तंत्र से जुड़ी जटिल बीमारियों के इलाज के लिए मरीजों को शिमला, टांडा या चंडीगढ़ के बड़े अस्पतालों में जाना पड़ता था। लेकिन अब यह सुविधा जिला स्तर पर ही उपलब्ध होगी।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देश पर अस्पताल प्रशासन ने एक सर्वे करवाया था, जिसमें सामने आया कि इन बीमारियों के मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में नई सुविधाएं शुरू करने और चिकित्सकों की तैनाती की प्रक्रिया में तेजी लाने का फैसला लिया है।
इस कड़ी में मंडी के श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज, नेरचौक में न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग की स्थापना को भी हरी झंडी दे दी गई है। इसके लिए प्रोफेसर से लेकर न्यूक्लियर मेडिसिन टेक्नोलॉजिस्ट और रेडिएशन सेफ्टी ऑफिसर जैसे पद भरे जाएंगे। वहीं नाहन स्थित डॉ. वाई.एस. परमार मेडिकल कॉलेज में पैथोलॉजी विभाग के अंतर्गत इम्यूनोहेमेटोलॉजी और ब्लड ट्रांसफ्यूजन यूनिट को सशक्त किया जा रहा है। यहां असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति को मंजूरी दी गई है।
प्रदेश सरकार मेडिकल कॉलेजों और बड़े अस्पतालों में अत्याधुनिक जांच सुविधाएं उपलब्ध करवाने पर भी विशेष ध्यान दे रही है। टांडा, हमीरपुर और नेरचौक मेडिकल कॉलेजों में अत्याधुनिक तीन टेस्ला एमआरआई मशीनें लगाई जा रही हैं। वहीं शिमला के आईजीएमसी में 19 साल पुरानी एमआरआई मशीन को भी शीघ्र बदला जाएगा।
इसके अलावा चमियाना अस्पताल सहित सभी जोनल, क्षेत्रीय और मेडिकल कॉलेज अस्पतालों को आधुनिक मशीनों से लैस किया जा रहा है, ताकि प्रदेशवासियों को विश्वस्तरीय इलाज की सुविधा यहीं पर मिल सके। सरकार ने इसके लिए 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए प्रदेश के 69 अन्य अस्पतालों को भी विशेष चिकित्सा सुविधाओं और उन्नत निदान क्षमता से जोड़ा जा रहा है। इसका उद्देश्य प्रदेश से बाहर इलाज के लिए जाने वाले मरीजों की संख्या को कम करना और हिमाचल को चिकित्सा सुविधाओं के मामले में आत्मनिर्भर बनाना है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेशवासियों को समय पर और गुणवत्तापूर्ण इलाज उपलब्ध कराना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसी दिशा में स्वास्थ्य क्षेत्र में तेज़ी से निवेश और संसाधनों का विकास किया जा रहा है।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
