
–व्यापारियों ने जताई करोड़ो रुपये के नुकसान की आंशका
–तेज धमाकों के साथ आग ने लिया विकराल रूप, दो किलोमीटर दूर तक आसमान में दिखा काला धुआं
–ई रिक्शा, ऑयल गोदाम की वजह से हुए धमाकों ने बढ़ाई मुश्किलें
कानपुर, 13 मई (Udaipur Kiran) । कलक्टरगंज गल्ला मंडी में मंगलवार को संदिग्ध परिस्थितियों में आग लग गई। बाजार में रुई के गोदाम, ई-रिक्शा बैटरी चार्जिंग पॉइंट, केमिकल गोदाम और बारदाने के कारखाने होने से आग का तांडव देखने को मिला। इस घटना में तकरीबन 50 दुकानें और गोदाम जलकर खाक हो गईं। दमकल की करीब 14 गाड़ियों ने चार घण्टे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। वहीं इस घटना में पांच लोग झुलस गए हैं। जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
यह घटना उस समय घटित हुई जब रोज की तरह बाजार बिल्कुल सामान्य लग रही थी। कि तभी अचानक एक जोरदार धमाका हुआ कि जैसे मानो कहीं बम फटा हो। देखते ही देखते पूरे बाजार में भगदड़ मच गई। कुछ ही देर बाद लोग बाजार के अंदर से चिल्लाते हुए बाहर की तरफ भागे तो मालूम पड़ा की एक दुकान में आग लग गई है। 10 मिनट के अंदर यह आग बढ़ते-बढ़ते करीब 20 दुकानों तक पहुंच गई और आसमान में काले धुएं का गुब्बार छाने लगा। जिसे तकरीबन दो किलोमीटर की दूरी से भी देखा जा सकता था।
इस आग ने तब और विकराल रूप ले लिया। जब इसकी चपेट में बारदाने की दुकान और रुई के गोदाम भी चपेट में आ गए। आनन-फानन में घटना की सूचना दमकल विभाग को दी गई। हालांकि घनी आबादी और सकरी गलियां होने की वजह से दमकल को भी खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। दमकल की 14 गाड़ियों व दो दर्जन से ज्यादा दमकल कर्मियों ने चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया।
इस घटना में 50 से ज्यादा दुकानें, करीब एक दर्जन ई-रिक्शा, डेढ़ दर्शन दो पहिया वाहन, तीन चार पहिया वाहन जलकर खाक हो गए। व्यापारियों की माने तो इस अग्निकांड में उन्हें करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है।
कलक्टरगंज उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष आशीष पांडेय ने बताया कि करीब ढाई सौ साल पुरानी इस मंडी में किराना, गल्ला, मूंगफली और सौंफ की बाजार है। लेकिन कुछ लोगों ने यहां पर अवैध तरीके से केमिकल के गोदाम और ई-रिक्शा बैटरी चार्जिंग पॉइंट भी बना रखे हैं। इस बाजार में बारदाना की कई दुकानें और गोदाम भी बने हुए हैं। जहां पर जूट के बोरे रखे हुए थे। उनमें भी आग तेजी से फैलती चली गई।
पुलिस उपायुक्त पूर्वी सत्यजीत गुप्ता ने बताया कि आग की लपटों के बीच एलपीजी सिलेंडर भी फटा था। अंदर ई-रिक्शा भी होने की सूचना थी। इसलिए फायर फाइटर्स ने काफी सावधानी से तकरीबन चार घंटे की कड़ी में मशक्कत के बाद आग पर पूरी तरह से काबू पा लिया। घटना में पांच झुलस लोग गए हैं। जिन्हें उपचार के लिए जिला अस्पताल उर्सला में भर्ती करवाया गया है।
(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप
