
कोलकाता, 12 मई (Udaipur Kiran) । मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज के सलाईन कांड में चार महीने से ज़िंदगी और मौत की जंग लड़ रही एक और प्रसूता की मौत हो गई। मृतका का नाम नासरीन खातून है, जिनका इलाज कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल में चल रहा था। चिकित्सकों के अनुसार, लगातार डायलिसिस के कारण उनकी हालत बिगड़ती गई और रविवार रात उनकी मौत हो गई। इस मौत के साथ ही इस विवादित सलाईन कांड में जान गंवाने वाली प्रसूताओं की संख्या दो हो गई है।
घटना इस वर्ष चार जनवरी की है, जब मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज में पांच महिलाओं ने बच्चों को जन्म दिया था। इन महिलाओं में थीं—रेखा साव, मामणी रुईदास, माम्पी सिंह, मीनारा बीबी और सबसे कम उम्र की नासरीन खातून। आरोप है कि इन्हें बच्चों के जन्म के तुरंत बाद एक्सपायर्ड रिंगर्स लैक्टेट सलाईन चढ़ाया गया, जिससे सभी बीमार पड़ गईं। इनमें से मामणी की तत्काल मौत हो गई थी, जबकि बाकी चार की हालत गंभीर हो गई थी।
रेखा साव को छोड़कर अन्य तीन महिलाओं—माम्पी, मीनारा और नासरीन—को इलाज के लिए कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल में रेफर किया गया। माम्पी और मीनारा इलाज के बाद ठीक होकर घर लौट गईं, लेकिन नासरीन की हालत लगातार नाज़ुक बनी रही। चार महीने तक उन्होंने अस्पताल में भर्ती रहकर जीवन की लड़ाई लड़ी।
अस्पताल सूत्रों के अनुसार, हाल के दिनों में नासरीन की हालत में सुधार भी हुआ था और उन्हें आईसीयू से जनरल वार्ड में शिफ्ट किया गया था। लेकिन सात मई से उनकी तबीयत फिर से बिगड़ने लगी। अंततः रविवार देर रात उनकी मौत हो गई। नासरीन अपने नवजात बच्चे को एक बार देखने का सपना देख रही थीं, लेकिन वह सपना अधूरा ही रह गया।
इस घटना ने एक बार फिर से अस्पतालों में लापरवाही और सलाईन की गुणवत्ता को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। नासरीन की मौत से उनका परिवार गहरे शोक में डूबा हुआ है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
