

अनूपपुर, 9 मई (Udaipur Kiran) । जिले में 50 दिन तक विचरण करने बाद तीन हाथियों का समूह गुरुवार एवं शुक्रवार की रात्रि जिले की सीमा को पार कर छत्तीसगढ़ के मरवाही क्षेत्र कें जंगल में डेरा जमाया हैं। तीनों हाथियों के जिले में विचरण दौरान सैकड़ो ग्रामीणों के खेत एवं बांड़ियों में लगी फसलो एवं घरों में रखे विभिन्न तरह की अनाजों को अपना आहार बनाया है। इस बीच ग्रामीणो एवं वनविभाग की गस्ती दल की सक्रियता के कारण किसी भी तरह की अनहोनी नहीं हो सकी। वहीं हाथियों से हुए नुकसान पर जिला प्रशासन की टीम द्वारा सर्वे कर राहत राशि का प्रकरण तैयार कर राहत राशि दिये जाने की कार्यवाही की है।
ज्ञात हो कि 50 दिन पूर्व छत्तीसगढ़ के मरवाही क्षेत्र से एक एवं दो की संख्या में अलग-अलग आए तीन हाथियों का समूह एक साथ मिलकर अनूपपुर जिले के जैतहरी, अनूपपुर एवं राजेंद्रग्राम के क्षेत्रों में विचरण के दौरान ग्रामो,टोला,मोहल्ला जो जंगल से लगे हुआ थे वहां अचानक पहुंचकर आहार की तलाश में 100 से अधिक खेतों,बांडियों में लगी फसलो तथा घरों में रखें विभिन्न तरह के अनाजों को अपना आहार बनाते और फिर से जंगलों में डेरा जमाते।
विगत छह दिनों से तीनों हाथी वन परिक्षेत्र जैतहरी के धनगवां एवं चोलना बीट के ग्राम कुसुमहाई, चोई, पड़रिया, कुकुरगाड़ा आदि गांव के विभिन्न टोला-मोहल्ला में विचरण करते हुए दिन में जंगलों में रह रहे थे, गुरुवार की शाम तीनों हाथी धनगवां एवं चोलना बीट के चोई गांव से लगे जंगल से निकलकर ग्राम पड़रिया, छातापटपर, चोलना होते हुए छत्तीसगढ़ की सीमा के मध्य ग्राम पंचायत चोलना के गूजरनाला को पार कर छत्तीसगढ़ के शिवनी सर्किल एवं बीट के ग्राम पड़री देवंगवा होते हुए घुसरिया बीट के जंगल से लगे चरचेडी गांव के समीप है के बांस प्लांटेशन में डेरा था। वहीं रात में देवगवा गांव के एक घर में तोड़फोड़ किए जाने पर मालवा गिरने से 7 वर्ष के बालक के हाथ एवं पैर में चोट लगी, जिसे उपचार हेतु मरवाही के शासकीय अस्पताल में भर्ती कराया गया।
(Udaipur Kiran) / राजेश शुक्ला
